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Monday, 7 October 2024

जोगिन्दर नगर में अनाथ बेटियों के शिक्षा के सपनों को साकार कर रही सीएम सुख आश्रय योजना

अभिभावक बनकर दो बेटियों की उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का खर्च वहन कर रही सुख की सरकार

चौंतड़ा ब्लॉक में 53 पात्र लाभार्थी चिन्हित, 39 को प्रतिमाह बतौर जेब खर्च मिल रहे 4 हजार

हिमाचल प्रदेश में सुख की सरकार निराश्रित एवं अनाथ बच्चों के उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा के सपने को साकार करने में मददगार साबित हो रही है। जोगिन्दर नगर उपमंडल में ही प्रदेश सरकार के आर्थिक सहयोग से जहां एक बेटी का नर्सिंग करने का सपना पूरा हो रहा है तो वहीं दूसरी बेटी कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल करने में कामयाब हो रही है।
बी.एस.सी. नर्सिंग का प्रशिक्षण हासिल कर रही बेटी मैहक ने उस वक्त अपने पिता को खो दिया था, जब वह मां के गर्भ में ही थी। भाग्य का खेल ऐसा कि जन्म के दो माह बाद अपनी मां को भी खो दिया। बिना मां-बाप के लाड-प्यार में पली बढ़ी मैहक की परवरिश उसके दादा-दादी ने ही की। लेकिन माता-पिता के न होने का दर्द तो केवल एक अनाथ बच्चा ही महसूस कर सकता है। लेकिन दादा-दादी ने भी कभी मां-बाप की कमी मैहक को महसूस नहीं होने दी। बेटी बड़ी हुई तो नर्सिंग जैसी व्यावसायिक शिक्षा हासिल करने का सपना संजोया। लाखों रुपये की फीस एवं अन्य खर्चे पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन ऐसे में प्रदेश की सुख की सरकार सीएम सुख आश्रय योजना के माध्यम से मददगार बन कर सामने आई है। मैहक की शिक्षा एवं अन्य खर्चों पर प्रदेश सरकार प्रति वर्ष एक लाख 22 हजार रुपये व्यय कर रही है।
इसी तरह की कहानी कॉलेज में बी.एस.सी. की शिक्षा हासिल कर रही कविता की है। कविता ने भी अपने पिता को उस वक्त खो दिया था जब वह भी मां के पेट में ही थी। जन्म के बाद मां ने बेटी को बड़े लाड़-प्यार में पालन पोषण शुरू ही किया था कि महज 5 वर्ष की आयु में मां का साथ भी छूट गया। मां-बाप के प्यार से वंचित हुई कविता का पालन पोषण दादा-दादी ने ही किया है। कविता बड़ी हुई तो उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना संजोया। वर्तमान में कविता कॉलेज में बी.एस.सी. की शिक्षा हासिल कर रही है तथा प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष बतौर शिक्षा खर्च 6 हजार 559 रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है।
जीवन में मां-बाप की कमी तो कभी पूरी नहीं की जा सकती है, लेकिन अनाथ व निराश्रित बच्चों के सपने अधूरे न रह जाएं इसके लिये हमारी सरकार अवश्य मददगार साबित हो सकती है। इसी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ते हुए प्रदेश की सुख की सरकार ने हजारों निराश्रित एवं अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट' का दर्जा प्रदान कर न केवल उनके जीवन में नए उमंग, नए उल्लास व नए रंग भरने का प्रयास किया है बल्कि जीवन में सपनों को हकीकत में बदलने में नए संचार का भी सूत्रपात किया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करते हुए मैहक व कविता जैसे अनेक निराश्रित व अनाथ बच्चों को उच्च व व्यावसायिक शिक्षा प्रदान कर जीवन में स्थापित करने को निरंतर आगे बढ़ रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
बाल विकास परियोजना अधिकारी (सी.डी.पी.ओ.) चौंतड़ा बी.आर.वर्मा का कहना है कि चौंतड़ा ब्लॉक में सीएम सुख आश्रय योजना के तहत उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए कुल चार लोगों को चिन्हित किया गया है। जिनमें से एक लाभार्थी को 1 लाख 22 हजार रुपये तथा दूसरे को 6 हजार 559 रुपये वार्षिक बतौर शिक्षा अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं। इसके अलावा शादी अनुदान के लिये एक, वोकेशनल ट्रेनिंग को 2 तथा अपना कारोबार शुरू करने को एक लाभार्थी ने अपना आवेदन प्रस्तुत किया है।
उन्होंने बताया कि चौंतड़ा ब्लॉक में कुल 53 लाभार्थी चिन्हित किये गए हैं। जिनमें से 39 को प्रतिमाह 4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च दिया जा रहा है तो वहीं 14 को फोस्टर केयर सेवा के अंतर्गत प्रतिमाह 25 सौ रुपये प्रदान किये जा रहे हैं जिसमें 500 रुपये बतौर आरडी तथा 2 हजार रुपये नकद शामिल है। इसके अलावा 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के लाभार्थियों को उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ गृह निर्माण व शादी अनुदान तथा जमीन न होने पर 3 बिस्वा भूमि भी उपलब्ध करवाई जा रही है।  DOP 04/10/2024







Friday, 15 March 2024

चौंतड़ा ब्लॉक में 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों का सहारा बनी है मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना

प्रति माह जेब खर्च को मिल रहे हैं 4 हजार रुपये, 7 मामलों में उच्च एवं व्यावसायिक शिक्षा का खर्च भी होगा वहन

हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा ब्लॉक में 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों का सहारा बनी है। इस योजना के माध्यम से 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के कुल 35 अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च मुहैया करवा रही है। इसके अतिरिक्त उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा हासिल करने वाले 7 निराश्रित व अनाथ बच्चों की शिक्षा का खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करने जा रही है। साथ ही ऐसे एक-एक बच्चे को अपना व्यवसाय शुरू करने तथा शादी करने के लिए भी सरकार धनराशि मुहैया करवाने जा रही है।
इस बात की पुष्टि करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) चौंतड़ा बीआर वर्मा का कहना है कि चौंतड़ा ब्लॉक में 18 से 27 वर्ष आयु वर्ग के कुल 35 निराश्रित व अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक गत चार माह के दौरान प्रति बच्चा 16-16 हजार रुपये की धनराशि सरकार ने उपलब्ध करवा दी है।
उन्होंने बताया कि सीएम सुख आश्रय योजना के तहत ही उच्च, व्यावसायिक एवं कौशल शिक्षा हासिल कर रहे ऐसे सात बच्चों का पूरा खर्च भी प्रदेश सरकार वहन करने जा रही है। उन्होंने बताया कि बीएससी नर्सिंग के दो, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा का एक, होटल मैनेजमेंट के दो तथा स्नातक व शास्त्री की शिक्षा प्राप्त कर रहे एक-एक बच्चे का मामला स्वीकृति हेतु सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। इन सभी बच्चों का आने वाले समय में सरकार की ओर से शिक्षा हासिल करने का संपूर्ण खर्च वहन किया जाएगा। इसके अलावा चौंतड़ा ब्लॉक में ही अनाथ बच्चे की शादी तथा अपना कारोबार शुरू करने वाले बच्चे का मामला भी स्वीकृति हेतु सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार शादी करने वाले अनाथ बच्चे को 3 लाख रुपये तथा अपना कोई भी कारोबार शुरू करने के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान कर रही है।
चार घटकों में चलाई जा रही है सीएम सुख आश्रय योजना
मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना को चार प्रमुख घटकों के तहत चलाया जा रहा है। पहले घटक में 18 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हुए बच्चों को कानूनन विवाह करने पर 2 लाख रुपये की धनराशि मुहैया करवाई जा रही है। दूसरे घटक के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से सीसीआई संस्थानों में रहने वाले प्रत्येक बच्चों के आवर्ती जमा खाते खोले गए हैं ताकि इन खातों से 14 साल से अधिक उम्र के बच्चे जरूरत अनुसार धनराशि निकाल सकें।
इसी योजना के तीसरे घटक के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति को सरकार मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी जो 27 वर्ष की आयु से पहले अनाथ हो गया है और भूमिहीन है। साथ ही मकान बनाने के लिए मुख्य मंत्री सुख आश्रय योजना के तहत तीन लाख रुपये दिये जा रहे हैं। इसी योजना के चौथे घटक के तहत उच्च, व्यावसायिक व कौशल शिक्षा प्राप्त करने वाले निराश्रित व अनाथ बच्चों का पूरा खर्च प्रदेश सरकार वहन कर रही है। साथ ही प्रति व्यक्ति चार हजार रुपये प्रतिमाह व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए भी सरकार उपलब्ध करवा रही है।  
इसके अलावा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले निराश्रित व अनाथ व्यक्ति यदि स्वयं का स्टार्टअप स्थापित करना चाह रहे हैं तो उन्हें भी प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय मदद प्रदान की जा रही है।
फिलवक्त जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा ब्लॉक में जहां 35 बच्चों को प्रतिमाह 4-4 हजार रुपये बतौर जेब खर्च प्राप्त हो रहे हैं तो वहीं उच्च शिक्षा हासिल कर रहे 7 निराश्रित व अनाथ बच्चों के मामलों को स्वीकृति हेतु सरकार को भेज दिया गया है। इसके अलावा स्वयं का कारोबार शुरू करने वाले तथा शादी करने वाले एक-एक मामले को भी स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा गया है। इस तरह प्रदेश सरकार की सीएम सुख आश्रय योजना निराश्रित व अनाथ बच्चों को पर्याप्त आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रही है ताकि वे भी समाज में आत्मनिर्भर और आर्थिक तौर पर सशक्त बनकर एक बेहतर जीवन यापन कर सकें।  DOP 15/03/2024