Himdhaara Search This Blog

Wednesday, 20 August 2014

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से सशक्त हो रही महिलाएं


महिला एवं बाल विकास विभाग की बाल विकास परियोजना पांवटा साहिब में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाआें व कार्यक्रमों को 430 आंगनबाड़ी केन्द्रों व दो मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों के माघ्यम से क्षेत्र के ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। जिसमें बेटी है अनमोल, माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना, महिला स्वयं रोजगार योजना व विधवा पुर्नविवाह योजना इत्यादि प्रमुख है।
इन योजनाआें से संबंधित जानकारी देते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री मदन चौहान ने बताया कि वर्ष 2013-14 के दौरान पांवटा विकास खण्ड़ में बेटी है अनमोल योजना के तहत 86 मामले में कुल 1,92,000 रुपये की राशि व्यय की गई है। ज्ञात रहे प्रदेश सरकार ने बालिका के महत्व के प्रति जागरुकता लाने के लिए बेटी है अनमोल योजना को दो घटकों में चलाया जा रहा है। पहले घटक के अन्र्तगत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) गुजर बसर करने वाले प्रत्येक परिवार में जन्मी लडक़ी के जन्म पर (केवल दो लड़कियों तक सीमित) 10000/- रुपये ड़ाकघर में जमा किए जाते हैं, जो 18 वर्ष की आयु पर ब्याज सहित दिए जाते हैं। इसी तरह दूसरे घटक के तहत लडक़ी के स्कूल जाने पर सरकार द्वारा छात्रवृति प्रदान की जाती है। 
इसी तरह माता शबरी महिला सशक्तिकरण योजना के तहत पांवटा विकास खण्ड़ में अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों की 125 महिलाआें को जिनके पास अपना गैस कनेक्शन नहीं था को लाभान्वित किया गया। जिस पर प्रदेश सरकार ने प्रति गैस कनेक्शन पर 1300 रुपये उपदान के हिसाब से कुल 1,62,500 रुपये खर्च किए हैं। इस योजना का मुख्य उदेश्य गरीब ग्रामीण महिलाआें को ईंधन की लकड़ी को एकत्रित करने के कार्यों से राहत दिलवाना तथा पर्यावरण में सुधार लाना प्रमुख है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत पांवटा विकास खण्ड़ में वर्ष 2013-14 के दौरान 12 मामलों में तीन लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेहसारा महिलाएं/लड़कियां जिनकी वार्षिक आय 35,000 रुपये से अधिक न हो को शादी हेतू 25000/-रुपये की वित्तीय सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। जबकि मदर टेरेसा असहाय मातृ सम्बल योजना के अन्र्तगत नि:सहाय महिलाआें के बच्चे या अनाथ बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से कम हो, के पालन पोषण हेतू 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रति वर्ष (केवल दो बच्चों तक) वितीय सहायता मिलती है। इसी योजना के तहत पांवटा विकास खण्ड़ में 326 ऐसे मामलों में 16,64,079 रुपये की राशि पिछले वर्ष के दौरान उपलब्ध करवाई गई है।
 समाज में महिलाआें को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं रोजगार योजना के तहत सालाना 35000 रुपये या इससे कम आय वाली महिलाआें को अपना काम धन्धा शुरु करने के लिए 2500 रुपये प्रति महिला आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। पांवटा विकास खण्ड़ में पिछले वितीय वर्ष के दौरान 11 एेसे मामलों में 27,500 रुपये की राशि खर्च की गई है। यही नहीं समाज में विधवाआें को पुर्नविवाह हेतू प्रेरित करने के लिए विधवा पुर्नविवाह योजना लागू की है। इस योजना के तहत पांवटा विकास खण्ड़ में वर्ष 2013-14 के दौरान एेसे एक मामलों में 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार ने मुहैया करवाई है। 
बहरहाल पांवटा विकास खण्ड़ में समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय के माध्यम से विभिन्न योजनाआें व कार्यक्रमों के तहत 561 मामलों में लगभग 24 लाख रुपये की राशि प्रदेश सरकार ने महिलाआें के उत्थान व कल्याण हेतू वर्ष 2013-14 के दौरान खर्च की है।