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Wednesday, 12 June 2019

हिम केयर योजना के तहत पांच लाख रूपये तक मिलेगा मुफ्त ईलाज

20 जून, 2019 तक जारी रहेगा हिम केयर योजना में पंजीकरण
केंद्र की मोदी सरकार ने देश के गरीब परिवारों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना को प्रारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत जहां पूरे भारत वर्ष में लगभग 11 करोड़ गरीब परिवारों की लगभग 55 करोड़ आबादी को बीमारी में अस्पताल में भर्ती होने पर अब पंजीकृत अस्पताल में पांच लाख रूपये तक के फ्री ईलाज की सुविधा का प्रावधान किया है। इस योजना के अंतर्गत अकेले जिला ऊना में ही अब तक लगभग 24 हजार 324 गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। जबकि इस योजना से लाभान्वित होने वाले पात्र परिवारों की संख्या लगभग 43 हजार के आसपास है। जिला में आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाने की सुविधा जिला के समस्त लोकमित्र केन्द्रों के साथ-साथ ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल के कमरा न0 100 में तथा फील्ड के स्वास्थ्य संस्थानों जिनमें अम्ब, हरोली, गगरेट, दौलतपुर चौक, चिन्तपुरनी, बंगाणा तथा आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना व ईसपुर शामिल है में उपलब्ध है।
आयुष्मान भारत योजना से प्रेरित होकर प्रदेश की श्री जय राम ठाकुर सरकार ने प्रदेश के ऐसे सभी परिवारों को पांच लाख रूपये तक के ईलाज की सुविधा पंजीकृत अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में मुहैया करवाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है जो आयुष्मान भारत योजना के दायरे में शामिल नहीं हो सके हैं। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश सहित जिला ऊना का कोई भी परिवार निर्धारित शुल्क अदा कर इस योजना का लाभ उठा सकता है। जिला ऊना में इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग पांच हजार परिवारों ने अपना नाम पंजीकृत करवा लिया है तथा आगामी 20 जून, 2019 तक पंजीकरण की प्रक्रिया जारी रहेगी। वर्तमान में जिला ऊना में 15 अस्पतालों में इस योजना का लाभ मिल रहा है जिसमें चार निजी अस्पताल भी शामिल हैं। पूरे प्रदेश भर में अब तक लगभग दो लाख लोगों ने इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण करवा लिया है।
हिमकेयर योजना के अंतर्गत ये रहेंगी प्रीमियम की दरें
हिमकेयर योजना के अन्तर्गत श्रेणियों को ध्यान में रखते हुए प्रीमियम की दरें तय की गई हैं। गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.), पंजीकृत रेहड़ी-फड़ीवाले (जो कि आयुष्मान भारत में पंजीकृत नहीं है) और मनरेगा के अन्तर्गत जिन्होने पिछले वर्ष 50 दिन या उससे अधिक कार्य किया है, से प्रीमियम नहीं लिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एकल नारी, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग, 70 वर्ष आयु से अधिक वरिष्ठ नागरिक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिकाएं, आशा कार्यकर्ता, मिड-डे मील कार्यकर्ता, दिहाड़ीदार (सरकारी, स्वायत्त संस्थानों, सोसायटी, बोर्ड एवं निगम के कर्मचारी), अंशकालिक कार्यकर्ता (सरकारी, स्वायत्त संस्थानों, सोसायटी, बोर्ड एवं निगम के कर्मचारी), अनुबन्ध कर्मचारी (सरकारी, स्वायत्त संस्थानों, सोसायटी, बोर्ड एवं निगम के कर्मचारी) और आउटसोर्स कर्मचारी से केवल 365 रूपये पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति नियमित सरकारी कर्मचारी या सेवानिवृत कर्मचारी नहीं है केवल 1000 रूपये देकर योजना के अन्तर्गत कार्ड बनवा सकते हैं।
इस योजना के अन्तर्गत लोकमित्र केन्द्र/कॉमन सर्विस सैंटर नामांकन करने और निर्धारित दस्तावेजो को अपलोड करने के लिए लाभार्थी से प्रीमियम के अतिरिक्त 50 रूपये का शुल्क लिया जा रहा है। जिन लाभार्थियों के कार्डों की पॉलिसी अवधि समाप्त हो चुकी है या हो रही है उन्हे वैबसाइट पर आधारकार्ड, राशनकार्ड, मोबाईल नम्बर और श्रेणी प्रमाण पत्र अपलोड करवाकर और निर्धारित प्रीमियम का भुगतान ऑनलाइन करके नवीनीकरण करवाना होगा। नवीनीकरण नजदीकी लोकमित्र केन्द्र में जाकर भी करवाया जा सकता है जिसके लिए 50 रूपये शुल्क निर्धारित किया गया है।
योजना में सभी तरह की आम व गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है। लाभार्थी देश व प्रदेश में आयुष्मान भारत के अन्तर्गत पंजीकृत अस्पतालों में जाकर ईलाज प्राप्त कर सकते हैं। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए जिला समन्वयक दीपक चब्बा के मोबाईल न0 98824-87364 पर सम्पर्क किया जा सकता है।


Wednesday, 5 June 2019

सारंगी का केंद्रीय मंत्री परिषद् में शामिल होना एक ऐतिहासिक घटना

सारंगी के बहाने बदलते भारतीय समाज का विश्लेषण
पिछले दिनों प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की कैबिनेट में ओडीसा राज्य से आने वाले प्रताप चंद सारंगी का केंद्रीय मंत्री परिषद् में शामिल होना शायद देश के इतिहास में एक बड़ी घटना कही जा सकती है। जिस तरह से अचानक सारंगी का नाम केंद्रीय मंत्री परिषद् में शामिल हुआ, इस वाकया ने पूरे देश में न केवल एक नई बहस को ही जन्म नहीं दिया है बल्कि देश के 135 करोड़ लोगों को एक संदेश भी दिया है। वास्तव में किसी ऊंचे पद को पाने की लालसा या फिर मन पसंद कार्य के लिए लोग न जाने क्या-क्या नहीं करते हैं। ऊपर से लेकर नीचे तक साम, दाम, दंड, भेद का जहां तक इस्तेमाल हो सके करते हैं। बस केवल निजी स्वार्थ एवं इच्छा पूर्ति के लिए। 
लेकिन सारंगी का मंत्री परिषद् में शामिल होना देश के उन करोड़ों लोगों के लिए एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहा है जो लोग पूरी मेहनत, ईमानदारी, लगन व कर्तव्य निष्ठा के साथ से न केवल अपने कत्र्तव्यों का बेहतरीन निर्वहन कर रहे हैं बल्कि अपनी गोटियां फिट करने के बजाए अपनी कार्य क्षमता के बेहतर इस्तेमाल को तरजीह देते हैं। ये वो लोग होते हैं जिन्हे न तो किसी पद की लालसा होती है न ही पद को पाने के लिए जोड़-तोड़ करने के लिए पसीना बहाने की जरूरत। ऐसे लोगों का बस एक की मकसद होता है नि:स्वार्थ भाव से देश व समाज की सेवा करना। दूसरी तरफ चालाक व मौकापरस्त लोग इच्छा पूर्ति के लिए न जाने क्या-क्या नहीं करते हैं। इस पर चर्चा करने की शायद आवश्यकता नहीं है।
लेकिन सांरगी का मंत्री परिषद् में शामिल होना उन करोड़ों लोगों को एक सकारात्मकता का संदेश दे रहा है जो पूरी ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा के साथ देश के निर्माण में जुटे हुए हैं। वास्तव में आज हमें इसी तरह के मॉडल पर कार्य करने की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा नहीं है यह मॉडल नया है बल्कि आज भी हमारे समाज में ऐसे कई लोग व विचार कार्य कर रहे हैं जो बिना किसी निजी स्वार्थ के वर्षों से अपना जीवन देश के लिए समर्पित किए हुए हैं। वास्तव में आज उन लोगों एवं विचार की भी ये एक बहुत बड़ी जीत है जो हमेशा देश व राष्ट्र निर्माण के लिए अपने-अपने दायित्वों का कार्य क्षेत्र में रहकर बेहतरीन निष्पादन कर रहे हैं। सचमुच यह घटना आने वाले समय में एक बहुत बड़ा सामाजिक बदलाव लाने तथा लोगों की सोच को परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाने वाली है। यह विषय आज देश के समाजशास्त्रीयों एवं राजनैतिक वैज्ञानिकों को भी नए शोध करने को प्रेरित कर रहा है कि आखिर किस तरह हमारे समाज में एक छोटे से व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा से न केवल जोड़ा जा सकता है बल्कि देश के उत्थान व कल्याण में वह एक बहुत बड़ी भूमिका में खड़ा हो सकता है। कुल मिलाकर यह घटना आज पूरे समाज में न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है बल्कि एक कौतुहल भी पैदा कर रही है।

Sunday, 2 June 2019

(व्यंग्य) आम आदमी भी बधाई देना चाहता है सरकार

यदि नई नवेली सरकार को बधाईयां देने वालों का तांता खत्म हो चुका हो। चाटुकार, मौकापरस्त, चालाक, चापलूस व आवभगत में हमेशा नम्बर वन रहने वालों ने अपनी-2 गोटियां फिट कर ली हों। सोशल मीडिया में ढूंढ़-2 कर फोटो अपलोड कर नेताओं के खासमखास होने का दावा करने वालों की लाईन खम्म हो चुकी हो, तो ऐसे में हजूर देश का आम आदमी व समाज की अंतिम पंक्ति में रहकर सरकार निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाला आम व गरीब आदमी भी 135 करोड़ भारतवासियों की नई मोदी सरकार को बधाई देना चाहता है। सरकार, आव भगत के लिए मेरे पास न तो बड़े-बड़े फूलों के हार व गुलदस्ते हैं, न ही राजनैतिक व सत्ता के गलियारों में मेरी पहुंच। लेकिन दिल में बधाई देने की उमंग रह-रह कर बाहर फूट रही है। दिल को बार-बार समझाने पर भी यह कमबख्त समझ नहीं रहा है, बस एक ही रट्ट लगाए बैठा है, भई मैं कहने को आम व गरीब जरूर हूं लेकिन मैं भी नई सरकार को बधाई देने में पीछे क्यों रहूं? मैं भी इसी देश का उतना ही महत्वपूर्ण नागरिक हूं, जितने ये मलाईचाट, चाटुकार, मौकापरस्त व चापलूस लोग। बस इसी धुन में सवार होकर आज आम आदमी भी मोदी सरकार को बधाई देने के लिए लालायित हो उठा है। हजूर, अब आप इसे मोदी जी का करिश्मा कहें या फिर उनकी कार्यशैली आखिर मैं भी आज बधाई देने वालों में शामिल होना चाहता हूं। 
वास्तव में यह हमारे देश का वह अहम व महत्वपूर्ण वर्ग है जो बड़ी उम्मीदों भरी निगहों से दूर कोने में बैठकर अपने जीवन की बेहतरी की आस सीने में हमेशा जगाए रहता है। यह वह आम व्यक्ति है जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा की आस बंधाता है, सरकारी अस्पतालों की लंबी व कभी खत्म न होने वाली कतारों में खड़ा होकर बेहतर ईलाज की चाहत में जीवन की अंतिम सांसे गंवा बैठता है। रहने के लिए अदद एक कमरे की तलाश में घास-फूस के बार-बार जलते व बनते आशियाने में जीवन त्याग देता है। दो वक्त की रोटी के लिए दिन-रात पसीना बहाता है, देश-प्रदेश भटकता है। यह वह आम व्यक्ति है जिसकी पहुंच राजनेताओं व सरकार की चौखट तक संभव नहीं हो पाती है।
बस इसी आस के साथ आज नई नवेली सरकार को बधाई देना चाहता है कि अब शुरूआत बड़े-बड़े लोगों से नहीं बल्कि सुदूर किसी अंचल के कोने में बैठे मेरे जैसे गरीब आदमी के दु:ख , दर्द व तकलीफ देखकर होगी। माई बाप आप मेरे इसी दु:ख व दर्द को ध्यान में रखकर नीतियां व योजनाओं का न केवल खाका तैयार करेंगे बल्कि मेरे जैसे करोड़ों गरीब व आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित भी होगी।
अरे भई! इस बात में कोई संदेह ही नहीं है कि जिस प्रचंड बहुमत व समर्थन से देश में पुन: मोदी जी आए हैं निश्चित तौर पर मेरे जैसे करोड़ों गरीब व आम भारतीयों के उत्थान व कल्याण में दो कदम आगे बढ़ते हुए कोई कोर कसर भी तो नहीं छोडऩे वाले हैं। बस फिर क्या था? इसी उम्मीद, नए जोश व उमंग तथा रोशनी के साथ दूर कोने में टुकर-टुकर सी नजर गड़ाए बैठे गरीब व आम आदमी ने भी इस नए उल्लास के साथ बधाई दे ड़ाली है कि पुन: एक बार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व उनकी पूरी टीम उनके जैसे करोड़ों लोगों के सपनों को साकार करने में नए मील के पत्थर रखेगी। 
जय हिंद। वंदे मातरम्।
(मौलिक लेखन चुराईटर सावधान रहें अन्यथा कानूनी कार्रवाई हो सकती है)