सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा निष्पादन को पस्सल पंचायत में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ (श्रीमद् भगवद्गीता)
Himdhaara Search This Blog
Tuesday, 27 August 2024
चौंतड़ा विकास खंड की 42 ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक कचरे से जल्द मिलेगी मुक्ति
Wednesday, 21 August 2024
दिल्ली व चंडीगढ़ भी चख रहा दिलदार सिंह के मछली फार्म में तैयार रेनबो ट्राउट का स्वाद
जोगिन्दर नगर के दिलदार सिंह प्रतिवर्ष 3 से 4 टन ट्राउट मछली का कर रहे उत्पादन
वर्ष 2008 में शुरू किया ट्राउट मछली पालन का कार्य, अब प्रतिवर्ष कमा रहे 3 से 4 लाख रुपये
Thursday, 8 August 2024
मैं पहाड़ हूं,आखिर मेरी भी सहनशक्ति की एक सीमा है
मैं पहाड़ हूं। अब ओर ज्यादा बोझ नहीं सह सकता। आखिर, मेरी भी सहनशक्ति की एक सीमा है। मानो ऐसा लग रहा है कि कमोबेश यही कुछ कहना चाह रहा है दुनिया के पर्वतों का सरताज हिमालय।
अगर हिमालय की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों से चाहे बात हिमाचल की हो, उत्तराखंड की हो या फिर दूसरे हिमालयी राज्यों की। प्रतिवर्ष हमारे पहाड़ों में प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है। बीते वर्ष की भांति अगला वर्ष इन प्राकृतिक आपदाओं का एक भयावह मंजर लेकर हम सबके सामने होता है। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण जहां प्रत्येक वर्ष सैंकड़ों लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है तो वहीं करोड़ों की संपति पलक झपकते ही कब मिट्टी हो गई पता ही नहीं चलता है। चंद मिनटों में ही हम इन्सानों के वर्षों संजोय सपने कब धराशायी हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं। इन प्राकृतिक आपदाओं में जब कोई अपने सबसे करीबी को खोता है तो उसका दर्द, उसकी पीड़ा तो केवल अपनों को खोने वाला व्यक्ति ही महसूस कर सकता है। लेकिन अब प्रश्न यही खड़ा हो रहा है कि आखिर देवता तुल्य हमारे ये पहाड़ हमसे इतने रूष्ट क्यों हो चले हैं? आखिर हम इंसानों ने ऐसा क्या कर दिया है कि कभी अच्छी वर्षा के लिये ईश्वर से गुहार लगा रहे लोगों के लिये मात्र चंद घंटों की बारिश विनाश लीला लिख दे रही है। प्रत्येक वर्ष यह बरसात हमें ऐसे जख्म दे रही है जो शायद ही कभी भरें। क्या हमने इस ओर कभी सोचने का प्रयास किया है?
Thursday, 1 August 2024
मुख्य मंत्री कन्या दान और शगुन योजनाओं के तहत बेटियों की शादी पर सरकार ने व्यय किये 25.21 लाख रुपये
चौंतड़ा ब्लॉक में गत वर्ष 53 बेटियों को मिले 19.43 लाख रुपये, इस वर्ष 18 मामलों में 5.78 लाख रुपये स्वीकृत