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Friday, 11 September 2020

मुख्य मंत्री एक बीघा योजना के अंतर्गत चौंतड़ा ब्लॉक में 306 कार्यों को मिली स्वीकृति

योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था व महिला सशक्तीकरण को मिलेगी मजबूती, प्रदेश भर में डेढ लाख महिलाएं होंगी लाभान्वित
प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने तथा महिला सशक्तीकरण की दिशा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को जोडक़र मुख्य मंत्री एक बीघा योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत एक महिला या उसका परिवार जिनके पास एक बीघा या 0.4 हेक्टेयर तक की भूमि है, वह सब्जियों और फल को उगाने के लिए बैकयार्ड किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।
इस योजना के तहत पांच हजार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख महिलाओं को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी योजना में लाभार्थी महिला को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार प्राप्त करने का भी अधिकार रहेगा। इसके अलावा महिलाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए उन्हे प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साथ ही पहाड़ी भूमि को समतल करने, पानी को चैनेलाइज करने, वर्मी कम्पोस्ट पिट स्थापित करने, गाय व बकरी का शैड बनाने, डंगा लगाने तथा पौधे व बीज इत्यादि खरीदने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा।
इसी योजना के तहत जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा विकास खंड की विभिन्न पंचायतों से अबतक प्राप्त 306 आवेदनों को अनुमति प्रदान की गई है तथा 17 लाभार्थियों ने कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। बीडीओ चौंतड़ा विवेक चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के पुनरूथान के लिए मुख्य मंत्री एक बीघा योजना की शुरूआत की है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन का अभिसरण कर ग्रामीणों को किचन गार्डनिंग के लिए प्रोत्साहित करना है। ग्रामीण स्तर पर गठित स्वयं सहायता समूहों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाना है। साथ ही बताया कि स्वयं सहायता समूह जो मनरेगा के अंतर्गत जॉब कार्ड धारक हैं वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसी योजना के माध्यम से चौंतड़ा विकास खंड से भी आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा
अब तक 306 को स्वीकृति प्रदान कर दी है तथा 17 ने कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।
भडयाड़ा पंचायत से 59, टिकरी मुशैहरा से 53 तथा भडयाड़ा बूहला से मिले हैं 47 आवेदन
मुख्य मंत्री एक बीघा योजना के तहत चौंतड़ा विकास खंड में अब तक कुल 306 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है जिनमें ग्राम पंचायत भडयाड़ा से सबसे अधिक 59 जबकि टिकरी मुशैहरा से 53, भडयाड़ा बूहला से 47 तथा द्राहल पंचायत से 37 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसी तरह ऐहजु से 23, बडैहर से 22, चौंतड़ा से पांच, गोलवां से 20, कथौण से 13, खुडडी से एक, लांगणा से चार, मैन भरोला से 5, पस्सल से 11 तथा सगनेहड़ व तलकेहड़ पंचायतों से प्राप्त तीन-तीन आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
17 आवेदकों ने शुरू कर दिया है कार्य, 25 ग्राम पंचायतों से नहीं प्राप्त हुआ है कोई आवेदन
इस योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवेदनों में से 17 ने अपना कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। जिनमें चौंतड़ा पंचायत से 3, द्राहल से चार, कथौण से चार तथा पस्सल से 6 आवेदक शामिल हैं। चौंतड़ा विकास खंड की 25 ग्राम पंचायतों में से अबतक कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है जिनमें बाग, भड़ोल, दलेड, धार, ढ़ेलू, द्रुब्बल, गलू, खद्दर, खडीहार, कोलंग, कुठेहड़ा, ममाण-बनांदर, मतेहड़, मटरू, पीहड-बेहडलू, पीपली, रोपड़ी, रोपड़ी कलैहडू, सैंथल पडैन, सिमस, टिकरू, त्रैम्बली, तुलाह, ऊपरीधार व ऊटपुर शामिल है।







Thursday, 10 September 2020

पंचवटी योजना के तहत चौंतड़ा ब्लॉक में प्राप्त हुए 51 प्रस्ताव, 15 को मिली स्वीकृति

ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी मनोरंजन के साथ-साथ पार्क व बागीचों की सुविधा
प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को ग्रामीण स्तर पर मनोरंजन के साथ-साथ पार्क व बागीचों की सुविधा मुहैया करवाने के लिए पंचवटी योजना की शुरूआत की है। इस योजना में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) तथा 14वें वित्तायोग के तहत प्रदेश के सभी विकास खंडों में एक बीघा समतल भूमि पर सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस पार्क व बागीचे विकसित किये जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन पार्कों में आयुर्वेदिक व औषधीय पौधों का भी रोपण किया जाएगा। पूरे प्रदेश भर में चालू वित्त वर्ष में ऐसे लगभग एक सौ पंचवटी पार्क विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना का शुभारंभ प्रदेश के मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर ने गत जून माह में शिमला से किया था।
इसी पंचवटी योजना के अंतर्गत जोगिन्दर नगर विधानसभा क्षेत्र के चौंतड़ा ब्लॉक की 40 ग्राम पंचायतों में से अब तक कुल 51 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 15 प्रस्तावों को अनुमति प्रदान कर दी गई है तथा 8 पर कार्य भी प्रारंभ हो गया है।
इस बारे खंड विकास अधिकारी चौंतड़ा विवेक चौहान से बातचीत की तो उन्होने बताया कि ग्राम पंचायतों से अब तक प्राप्त प्रस्तावों में से विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग 3 करोड़ रूपये की राशि से बनने वाले 15 पंचवटी पार्कों के निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा इनमें से आठ पंचायतों में पंचवटी पार्क विकसित करने का कार्य भी शुरू हो गया है। ग्रामीण स्तर पर पंचवटी पार्क विकसित करने के लिए मनरेगा, 14 वां वित्तायोग तथा अन्य योजनाओं के माध्यम से राशि को स्वीकृति प्रदान की जा रही है।
इन पंचायतों में शुरू हुआ है पंचवटी पार्क विकसित करने का कार्य
चौंतड़ा ब्लॉक की आठ ग्राम पंचायतों भडयाड़ा, चौंतड़ा, द्राहल, ममाण-बनांदर, सैंथल पडैन, सिमस, टिकरी मुशैहरा तथा ऊटपुर में पंचवटी पार्क विकसित करने का कार्य शुरू हो चुका है। इसके अलावा ग्राम पंचायत गलू में एक, लांगणा में दो, पीहड़-बेहड़लू में भी एक तथा तुलाह में तीन पार्क विकसित करने को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
सबसे अधिक तुलाह पंचायत से प्राप्त हुए हैं 5, तो लांगणा से मिले हैं 4 प्रस्ताव
वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पंचवटी पार्क विकसित करने को ग्राम पंचायत तुलाह से कुल पांच प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनमें से 3 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है जबकि लांगणा पंचायत से 4 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनमें से 2 को स्वीकृति दे दी गई है। इसी तरह गोलवां व खद्दर पंचायतों से तीन-तीन, बाग, भडयाड़ा, द्राहल, खुड्डी, मतेहड़ तथा सैंथल पड़ैन से दो-दो पंचवटी पार्क विकसित करने को प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इन पंचायतों से पंचवटी पार्क विकसित करने को नहीं प्राप्त हुआ कोई प्रस्ताव
पंचवटी योजना के अंतर्गत पार्क विकसित करने को चौंतड़ा ब्लॉक की 40 ग्राम पंचायतों में से 34 ने अपने प्रस्ताव बीडीओ कार्यालय को प्रस्तुत किये हैं। जबकि 6 ग्राम पंचायतों जिनमें दलेड, धार, द्रुब्बल, खडीहार, कोलंग तथा त्रैंबली से कोई भी प्रस्ताव अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।




Tuesday, 1 September 2020

अंतरजातीय विवाह करने पर राजेश कुमार व बीना देवी को सरकार ने दिये 50 हजार

जोगिन्दर नगर उपमंडल में अंतर जातीय विवाह योजना के तहत 58 परिवार लाभान्वित
हमारे समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को खत्म करने की दिशा में सरकार न केवल अनेक योजनाएं कार्यान्वित कर रही है बल्कि प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक मदद भी दी जा रही है। जोगिन्दर नगर उप-मंडल में गत तीन वर्षों के दौरान 58 परिवारों को अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त हुआ है जिनमें से जोगिन्दर नगर तहसील के अंतर्गत 36 जबकि लडभड़ोल तहसील के तहत 22 परिवार शामिल हैं।
अंतरजातीय विवाह योजना के तहत जोगिन्दर नगर के आरठी गांव निवासी राजेश कुमार व बीना देवी को सरकार ने 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। जब इस बारे लाभार्थी राजेश कुमार व बीना देवी से बातचीत की तो उनका कहना है कि सरकार द्वारा समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में शुरू की गई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना न केवल आर्थिक तौर पर लाभकारी है बल्कि जाति प्रथा को खत्म करने में भी कारगर सिद्ध हो रही है। आरठी निवासी राजेश कुमार का कहना है कि उनकी शादी धमच्याण (थल्टूखोड़) निवासी बीना देवी से वर्ष 2016 में हुई है जो दोनों अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। लेकिन जब उन्हे प्रदेश सरकार की अंतर जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बारे जानकारी मिली तो आर्थिक प्रोत्साहन के लिए अपना आवेदन संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया तथा कुछ समय के बाद उन्हे 50 हजार रूपये की राशि सरकार की ओर से प्राप्त हुई है। इसी तरह जोगिन्दर नगर के वार्ड नम्बर-दो निवासी हेम सिंह की शादी मियोट (बरोट) की गुडडी देवी से वर्ष 2013 में हुई है जो दोनों भी अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। इन्हे भी सरकार की ओर से 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
इस योजना के तहत लाभान्वित इन दोनों परिवारों ने प्रदेश सरकार का आभार जताते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं निश्चित तौर पर हमारे समाज से जातिगत भेदभाव को समाप्त करने में समाज के लिए हितकारी सिद्ध होगी। उनका कहना है कि अंतरजातीय विवाह करने पर उन्हे न केवल परिवार बल्कि समाज से भी पीड़ा को सहन करना पड़ा है। लेकिन बदलते वक्त के साथ परिवार व समाज की दी हुई यह पीड़ा खत्म हो गई है तथा सरकार की अंतरजातीय प्रोत्साहन योजना की इसमें बड़ी भूमिका रही है।
इसी तरह आरठी गांव के शेष राम व मीना कुमारी, टिकरू के गदयाड़ा निवासी विजय कुमार व नेहा, त्रामट के सिहारल निवासी सीमा देवी व अनुपम, भराडू के गडूही निवासी नरेश कुमार व अन्जुु वाला, चौंतड़ा के धनैतर गांव वासी अमर सिंह व रेखा देवी, गंगोटी की रितु देवी व मंगत राम, ऊटपुर के अमरनाथ व सुनीता देवी, गांव बाग के अजय कुमार व मती देवी, पंडोल गांव के सुरजीत व पवन कुमार इत्यादि ऐसे कई परिवार हैं जिन्हे भी सरकार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है।
किन्हे मिलती है सहायता:
अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों का हिमाचली बोनाफाईड होना लाजिमी है। साथ ही दोनों लाभार्थियों में से एक का अनुसूचित जाति के साथ-साथ सामान्य या अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से होना भी अनिवार्य है। साथ ही पंचायत द्वारा जारी विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ-साथ पंचायत प्रधान द्वारा जारी पति-पत्नि के बीच मधुर संबंध रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी जरूरी है। साथ ही पात्र लाभार्थियों की आयु हेतु मैट्रिक प्रमाणपत्र के साथ-साथ शादी के लिए लडक़े की आयु 21 जबकि लडक़ी की आयु 18 वर्ष होना भी आवश्यक है।
कैसे करें आवेदन:
योजना का लाभ हासिल करने के लिए पात्र परिवार सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित अपने नजदीकी तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर अपना प्रामणपत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इस संबंध में तहसील कल्याण अधिकारी, जोगिन्दर नगर व लड भड़ोल चंदन वीर सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जोगिन्दर नगर विस क्षेत्र में कुल 29 पात्र लाभार्थी परिवारों को अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। जिनमें लड भड़ोल तहसील के अंतर्गत 12 तथा जोगिन्दर नगर तहसील के तहत 17 पात्र परिवार शामिल हैं। गत तीन वर्षों के दौरान अब तक कुल 58 परिवार इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
उनका कहना है कि इस योजना के अंतर्गत सरकार पहले 25 हजार जबकि वर्तमान में 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। जिसमें से 30 हजार रूपये विवाह करने वाले लडक़ा-लडक़ी के नाम पांच वर्ष के लिए बतौर सावधी जमा राशि तथा 20 हजार रूपये दोनों के संयुक्त बचत खाते में जमा किये जाते हैं।