जोगिन्दर नगर उपमंडल में अंतर जातीय विवाह योजना के तहत 58 परिवार लाभान्वित
हमारे समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को खत्म करने की दिशा में सरकार न केवल अनेक योजनाएं कार्यान्वित कर रही है बल्कि प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक मदद भी दी जा रही है। जोगिन्दर नगर उप-मंडल में गत तीन वर्षों के दौरान 58 परिवारों को अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त हुआ है जिनमें से जोगिन्दर नगर तहसील के अंतर्गत 36 जबकि लडभड़ोल तहसील के तहत 22 परिवार शामिल हैं।
अंतरजातीय विवाह योजना के तहत जोगिन्दर नगर के आरठी गांव निवासी राजेश कुमार व बीना देवी को सरकार ने 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। जब इस बारे लाभार्थी राजेश कुमार व बीना देवी से बातचीत की तो उनका कहना है कि सरकार द्वारा समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में शुरू की गई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना न केवल आर्थिक तौर पर लाभकारी है बल्कि जाति प्रथा को खत्म करने में भी कारगर सिद्ध हो रही है। आरठी निवासी राजेश कुमार का कहना है कि उनकी शादी धमच्याण (थल्टूखोड़) निवासी बीना देवी से वर्ष 2016 में हुई है जो दोनों अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। लेकिन जब उन्हे प्रदेश सरकार की अंतर जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बारे जानकारी मिली तो आर्थिक प्रोत्साहन के लिए अपना आवेदन संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया तथा कुछ समय के बाद उन्हे 50 हजार रूपये की राशि सरकार की ओर से प्राप्त हुई है। इसी तरह जोगिन्दर नगर के वार्ड नम्बर-दो निवासी हेम सिंह की शादी मियोट (बरोट) की गुडडी देवी से वर्ष 2013 में हुई है जो दोनों भी अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। इन्हे भी सरकार की ओर से 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
इस योजना के तहत लाभान्वित इन दोनों परिवारों ने प्रदेश सरकार का आभार जताते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं निश्चित तौर पर हमारे समाज से जातिगत भेदभाव को समाप्त करने में समाज के लिए हितकारी सिद्ध होगी। उनका कहना है कि अंतरजातीय विवाह करने पर उन्हे न केवल परिवार बल्कि समाज से भी पीड़ा को सहन करना पड़ा है। लेकिन बदलते वक्त के साथ परिवार व समाज की दी हुई यह पीड़ा खत्म हो गई है तथा सरकार की अंतरजातीय प्रोत्साहन योजना की इसमें बड़ी भूमिका रही है।
इसी तरह आरठी गांव के शेष राम व मीना कुमारी, टिकरू के गदयाड़ा निवासी विजय कुमार व नेहा, त्रामट के सिहारल निवासी सीमा देवी व अनुपम, भराडू के गडूही निवासी नरेश कुमार व अन्जुु वाला, चौंतड़ा के धनैतर गांव वासी अमर सिंह व रेखा देवी, गंगोटी की रितु देवी व मंगत राम, ऊटपुर के अमरनाथ व सुनीता देवी, गांव बाग के अजय कुमार व मती देवी, पंडोल गांव के सुरजीत व पवन कुमार इत्यादि ऐसे कई परिवार हैं जिन्हे भी सरकार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है।
किन्हे मिलती है सहायता:
अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों का हिमाचली बोनाफाईड होना लाजिमी है। साथ ही दोनों लाभार्थियों में से एक का अनुसूचित जाति के साथ-साथ सामान्य या अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से होना भी अनिवार्य है। साथ ही पंचायत द्वारा जारी विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ-साथ पंचायत प्रधान द्वारा जारी पति-पत्नि के बीच मधुर संबंध रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी जरूरी है। साथ ही पात्र लाभार्थियों की आयु हेतु मैट्रिक प्रमाणपत्र के साथ-साथ शादी के लिए लडक़े की आयु 21 जबकि लडक़ी की आयु 18 वर्ष होना भी आवश्यक है।
कैसे करें आवेदन:
योजना का लाभ हासिल करने के लिए पात्र परिवार सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित अपने नजदीकी तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर अपना प्रामणपत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इस संबंध में तहसील कल्याण अधिकारी, जोगिन्दर नगर व लड भड़ोल चंदन वीर सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जोगिन्दर नगर विस क्षेत्र में कुल 29 पात्र लाभार्थी परिवारों को अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। जिनमें लड भड़ोल तहसील के अंतर्गत 12 तथा जोगिन्दर नगर तहसील के तहत 17 पात्र परिवार शामिल हैं। गत तीन वर्षों के दौरान अब तक कुल 58 परिवार इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
उनका कहना है कि इस योजना के अंतर्गत सरकार पहले 25 हजार जबकि वर्तमान में 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। जिसमें से 30 हजार रूपये विवाह करने वाले लडक़ा-लडक़ी के नाम पांच वर्ष के लिए बतौर सावधी जमा राशि तथा 20 हजार रूपये दोनों के संयुक्त बचत खाते में जमा किये जाते हैं।
अंतरजातीय विवाह योजना के तहत जोगिन्दर नगर के आरठी गांव निवासी राजेश कुमार व बीना देवी को सरकार ने 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। जब इस बारे लाभार्थी राजेश कुमार व बीना देवी से बातचीत की तो उनका कहना है कि सरकार द्वारा समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में शुरू की गई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना न केवल आर्थिक तौर पर लाभकारी है बल्कि जाति प्रथा को खत्म करने में भी कारगर सिद्ध हो रही है। आरठी निवासी राजेश कुमार का कहना है कि उनकी शादी धमच्याण (थल्टूखोड़) निवासी बीना देवी से वर्ष 2016 में हुई है जो दोनों अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। लेकिन जब उन्हे प्रदेश सरकार की अंतर जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बारे जानकारी मिली तो आर्थिक प्रोत्साहन के लिए अपना आवेदन संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत कर दिया तथा कुछ समय के बाद उन्हे 50 हजार रूपये की राशि सरकार की ओर से प्राप्त हुई है। इसी तरह जोगिन्दर नगर के वार्ड नम्बर-दो निवासी हेम सिंह की शादी मियोट (बरोट) की गुडडी देवी से वर्ष 2013 में हुई है जो दोनों भी अलग-अलग जाति से संबंध रखते हैं। इन्हे भी सरकार की ओर से 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है।
इस योजना के तहत लाभान्वित इन दोनों परिवारों ने प्रदेश सरकार का आभार जताते हुए कहा कि ऐसी योजनाएं निश्चित तौर पर हमारे समाज से जातिगत भेदभाव को समाप्त करने में समाज के लिए हितकारी सिद्ध होगी। उनका कहना है कि अंतरजातीय विवाह करने पर उन्हे न केवल परिवार बल्कि समाज से भी पीड़ा को सहन करना पड़ा है। लेकिन बदलते वक्त के साथ परिवार व समाज की दी हुई यह पीड़ा खत्म हो गई है तथा सरकार की अंतरजातीय प्रोत्साहन योजना की इसमें बड़ी भूमिका रही है।
इसी तरह आरठी गांव के शेष राम व मीना कुमारी, टिकरू के गदयाड़ा निवासी विजय कुमार व नेहा, त्रामट के सिहारल निवासी सीमा देवी व अनुपम, भराडू के गडूही निवासी नरेश कुमार व अन्जुु वाला, चौंतड़ा के धनैतर गांव वासी अमर सिंह व रेखा देवी, गंगोटी की रितु देवी व मंगत राम, ऊटपुर के अमरनाथ व सुनीता देवी, गांव बाग के अजय कुमार व मती देवी, पंडोल गांव के सुरजीत व पवन कुमार इत्यादि ऐसे कई परिवार हैं जिन्हे भी सरकार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है।
किन्हे मिलती है सहायता:
अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों का हिमाचली बोनाफाईड होना लाजिमी है। साथ ही दोनों लाभार्थियों में से एक का अनुसूचित जाति के साथ-साथ सामान्य या अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी से होना भी अनिवार्य है। साथ ही पंचायत द्वारा जारी विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ-साथ पंचायत प्रधान द्वारा जारी पति-पत्नि के बीच मधुर संबंध रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी जरूरी है। साथ ही पात्र लाभार्थियों की आयु हेतु मैट्रिक प्रमाणपत्र के साथ-साथ शादी के लिए लडक़े की आयु 21 जबकि लडक़ी की आयु 18 वर्ष होना भी आवश्यक है।
कैसे करें आवेदन:
योजना का लाभ हासिल करने के लिए पात्र परिवार सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित अपने नजदीकी तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर अपना प्रामणपत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इस संबंध में तहसील कल्याण अधिकारी, जोगिन्दर नगर व लड भड़ोल चंदन वीर सिंह का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जोगिन्दर नगर विस क्षेत्र में कुल 29 पात्र लाभार्थी परिवारों को अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत लाभान्वित किया गया है। जिनमें लड भड़ोल तहसील के अंतर्गत 12 तथा जोगिन्दर नगर तहसील के तहत 17 पात्र परिवार शामिल हैं। गत तीन वर्षों के दौरान अब तक कुल 58 परिवार इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
उनका कहना है कि इस योजना के अंतर्गत सरकार पहले 25 हजार जबकि वर्तमान में 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। जिसमें से 30 हजार रूपये विवाह करने वाले लडक़ा-लडक़ी के नाम पांच वर्ष के लिए बतौर सावधी जमा राशि तथा 20 हजार रूपये दोनों के संयुक्त बचत खाते में जमा किये जाते हैं।
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