आपातकाल के दौरान हुई थी जेल, हिमाचली पत्रकारिता के हैं मजबूत स्तंभ
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगिन्दर नगर निवासी व वैटरन जर्नलिस्ट रमेश बंटा को प्रदेश सरकार ने आपातकाल के दौरान प्रजातंत्र को बचाने तथा मौलिक अधिकारों की बहाली को किए गए संघर्ष व इस दौरान सही यातनाओं के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि योजना-2019 (पार्ट-दो) के तहत सम्मान राशि प्रदान की है। इस योजना के अंतर्गत रमेश बंटा को प्रदेश सरकार ने प्रतिमाह आठ हजार रूपये की दर से सम्मान राशि स्वीकृत की है। इस तरह का सम्मान पाने वाले वे मंडी जिला के एक मात्र पत्रकार हैं। पत्रकारों की बात करें तो इस योजना के अंतर्गत रमेश बंटा के अलावा बिलासपुर के जय कुमार को भी इस योजना के भाग एक के तहत सम्मान राशि प्राप्त हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश भर से पात्र केवल दो पत्रकारों को ही इस योजना के तहत लाभान्वित किया गया है।
जब इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के सबसे वरिष्ठ पत्रकार एवं वैटरन जर्नलिस्ट रमेश बंटा से बातचीत की तो 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक देश में लगे आपातकाल एवं इस दौरान सही यातनाओं व कष्टों को यादकर वे भावुक हो उठते हैं। लेकिन इतने लंबे अर्से के बाद प्रदेश सरकार द्वारा उन्हे लोकतंत्र प्रहरी योजना के तहत सम्मान राशि प्रदान करना उन्हे बेहद खुशी भी मिल रही है। बातचीत के दौरान आपातकाल के वक्त उन्हे मिली जेल का किस्सा सुनाते हुए बतियाते हैं कि 20 सितम्बर, 1975 को जोगिन्दर नगर पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज हुई और उन्हे तथा उनके दोस्त स्वर्गीय पीडी शर्मा को पुलिस ने घर से बुलाकर गिरफतार कर लिया गया। उनके विरूद्ध यह आरोप लगा कि वे स्थानीय बस स्टैंड में टूरिस्ट होटल के सामने आपातकाल के विरूद्ध तथा नेताओं व सरकार के खिलाफ आम जनता को भडक़ा रहे थे। पुलिस ने इस विषय को लेकर उनके खिलाफ गवाही के लिए कुछ स्थानीय वरिष्ठ लोगों को तैयार कर लिया तथा उनके खिलाफ गवाही दिलवाई गई। वे बतियाते हैं कि इसके पीछे तथ्य ये थे कि उन्हे पुलिस ने घर से बुलाकर शाम को गिरफतार किया था तथा इस गिरफतारी के पीछे स्थानीय नेताओं का बड़ा हाथ था। उन्हे कई दिनों तक मंडी जेल में रखा गया तथा उसके बाद उनकी जमानत हो गई। बाद में कोर्ट कचहरी का दौर चला तथा अप्रैल 1977 में सरकार ने यह केस वापिस ले लिया।रमेश बंटा कहते हैं कि उनके जेल जाने के बाद परिवारजनों को बेहद कष्ट व मानसिक तौर पर असनीय पीड़ा का जो दर्द झेलना पड़ा उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। लेकिन एकाएक चेहरे में खुशी के भाव लाते हुए रमेश बंटा कहते हैं कि जब वे जेल काट कर घर लौटे तो उसी दिन उनके घर में एक बेटे का जन्म हुआ, ऐसे में दु:ख भरे ये पल कैसे खुशी में बदल गए इसके लिए उनके पास शब्द ही नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा उन्हे सम्मान स्वरूप यह राशि प्रदान करने के लिए वे मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हैं।हिमाचली पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ हैं रमेश बंटा, 1964 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत
वैटरन जर्नलिस्ट रमेश बंटा हिमाचली पत्रकारिता के मजबूत स्तंभ भी हैं। 6 अगस्त, 1942 को पैदा हुए रमेश बंटा वर्ष 1964 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हैं। इस दौरान उन्हे समय-समय पर अनेक सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। उन्हे वर्ष 1965 को जोगिन्दर नगर में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह तथा वर्ष 1975 में मंडी के तत्कालीन उपायुक्त उन्हे पत्रकारिता के क्षेत्र में दी गई उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए सम्मानित कर चुके हैं। इसके अलावा वर्ष 1986 में हिमोत्कर्ष संस्था द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार, 1999 में महामहिम दलाई लामा द्वारा कलम के सिपाही पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा कई अन्य संस्थाएं भी उन्हे समय-समय पर सम्मानित कर चुकी हैं। रमेश बंटा 1991-93 तक हिमाचल प्रदेश प्रेस एक्रीडेशन कमेटी के गैर सरकारी सदस्य भी रह चुके हैं। उन्हे वर्ष 2012 में वैटरन जर्नलिस्ट का दर्जा प्राप्त हुआ। उन्हे वर्ष 1968 में सरकारी मान्यता यानि कि एक्रीडेशन प्राप्त हुई। इसके अलावा वे लगभग 18 वर्षों तक जोगिन्दर नगर प्रेस क्लब के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।पत्रकारिता में 50 वर्ष पूर्ण होने पर पंजाब केसरी से मिला विशेष सम्मान
रमेश बंटा को पत्रकारिता के क्षेत्र में 50 वर्ष पूर्ण करने पर पंजाब केसरी के मुख्य संपादक पदमश्री विजय चोपड़ा वर्ष 2015 में उन्हे पंजाब केसरी सम्मान से भी सम्मानित कर चुके हैं।
प्रदेश के प्रथम मुख्य मंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के साथ कई बार किया प्रदेश दौरा
रमेश बंटा कहते हैं कि प्रदेश के पहले मुख्य मंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार के साथ उन्होने कई बार प्रदेश का दौरा किया तथा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों के माध्यम से प्रदेश के विकास, संस्कृति एवं राजनैतिक पहेलुओं पर कई लेख लिखे। उन्हे प्रदेश सरकार विकासात्मक पत्रकारिता के लिए जिला स्तर पर सम्मानित भी कर चुकी है।
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