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Wednesday, 22 January 2025

पानी के रूप में आज भी लोग चख रहे हैं गुम्मा (चट्टानी) नमक का स्वाद

 कभी देश भर में अपनी अलग पहचान रखता था जोगिन्दर नगर का गुम्मा नमक

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगिन्दर नगर कस्बे से मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर गुम्मा गांव स्थित है। गुम्मा गांव कभी गुम्मा (चट्टानी) नमक के कारण पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में भी प्रसिद्ध रहा है। गुम्मा नमक अपने स्वाद व औषधीय गुणों के चलते पूरे देश भर में लोगों को आकर्षित करता रहा है।
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो केवल मंडी जिला के गुम्मा व द्रंग ऐसे दो स्थान हैं जहां पर चट्टानी नमक पाया जाता है। प्राचीन समय से ही लोग इसे 'गुम्मा नमक' के नाम से जानते हैं। अगर इतिहास की बात करें तो मंडी जिला का गुम्मा क्षेत्र इस चट्टानी नमक के कारण रियासतकालीन राजाओं के मध्य एक संघर्ष का कारण भी रहा है। समय-समय पर विभिन्न रियासतों ने इस प्राकृतिक खनिज संपदा को अपने अधीन करने के लिए कई युद्ध भी लड़े। लेकिन इतिहास के पन्ने बताते हैं कि गुम्मा व द्रंग नमक की यह खदानें अधिकतर समय मंडी रियासत के अधीन ही रही हैं। आजादी के बाद इन नमक खदानों को भारत सरकार ने अपने अधीन ले लिया तथा वर्ष 1963 में इन खदानों को मैसर्ज हिंदुस्तान साल्ट्स लिमिटेड को हस्तांतरित कर नमक का उत्पादन शुरू किया। नमक उत्पादन के कई वर्षों उपरान्त गुम्मा की पहाडिय़ों में एक बड़ा भू-स्खलन हुआ तथा यहां से नमक को निकालना मुश्किल हो गया। वर्तमान में गुम्मा में चट्टानी नमक तो नहीं निकाला जाता है लेकिन यहां से लगभग 35 किलोमीटर दूर द्रंग खदान से आज भी यह नमक निकाला जा रहा है।
रासायनिक विश्लेषणों में भी उतम पाया गया है गुम्मा नमक, 70 प्रतिशत से भी अधिक है नमक सामग्री
बताते चलें कि मंडी जिला के जोगिन्दर नगर व मंडी के मध्य गुम्मा व द्रंग में नमक के पहाड़ हैं तथा यहां पर प्राचीन समय से ही नमक निकाला जाता रहा है। इस संदर्भ में ग्रेड और भंडार का आकलन करने को विस्तृत भूवैज्ञानिक कार्य व ड्रिलिंग भी की गई है। ड्रिलिंग डेटा से पता चलता है कि मामूली गैर उत्पादक तत्वों को छोडक़र, जांच में पाया गया है कि पूरा क्षेत्र नमक से बना है। साथ ही किये गए रासायनिक विश्लेषणों से भी पता चलता है कि औसत नमक सामग्री 70 प्रतिशत से अधिक है और गहराई के साथ इसमें कोई नियमित परिवर्तन नहीं होता है। इसके अलावा पोटाशियम व मैग्नीशियम की मात्रा भी इसमें पाई जाती है तथा अघुलनशील अशुद्धियां केवल 21 प्रतिशत हैं। इस तरह प्रदेश का गुम्मा नमक रासायनिक विश्लेषणों में भी उत्तम पाया गया है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि प्राचीन समय से ही गद्दी समुदाय के लोग प्रतिवर्ष अपनी भेड़ बकरियों के साथ गुम्मा से गुजरते थे तथा पूरे वर्ष भर के लिए नमक यहां से लेकर जाते थे। इस नमक को न केवल वे स्वयं इस्तेमाल करते थे बल्कि मवेशियों को भी खिलाया जाता था। इसके अलावा प्रदेश के दूसरे स्थानों से भी लोग गुम्मा नमक लेने के लिए यहां पहुंचते थे। जिसका जिक्र आज भी प्रदेश की लोक कथाओं, संस्कृति व संगीत में सुनने को मिलता है।  
जहां तक गुम्मा नमक खदान की बात करें तो यहां पर नमक चट्टानी तौर पर उपलब्ध नहीं है लेकिन पानी के तौर पर आज भी गुम्मा नमक उपलब्ध है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ-साथ हिमाचल भ्रमण आने वाले पर्यटक इसे बोतलों व बर्तनों में भरकर ले जाते हैं। इस तरह इस ऐतिहासिक गुम्मा नमक का स्वाद आज भी लोग चख रहे हैं। DOP 23/01/2025







Wednesday, 15 January 2025

जोगिन्दर नगर के लक्ष्मण दास, भाग चंद व संजीव कुमार से सरकार ने खरीदा गोबर

गोबर समृद्धि योजना के तहत प्रदेश सरकार किसानों से 3 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है गोबर

प्रदेश की सुख की सरकार ने अपनी एक ओर गारंटी को पूरा करते हुए किसानों व पशुपालकों से 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गोबर समृद्धि योजना के तहत गोबर खरीदना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम के पहले चरण में जहां प्रदेश के 100 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से एक लाख रुपये वितरित किये हैं तो वहीं इससे जोगिन्दर नगर के सेरी गांव के तीन किसान व पशुपालक लक्ष्मण दास, भाग चंद तथा संजीव कुमार भी लाभान्वित हुए हैं।
प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग के माध्यम से जोगिन्दर नगर के सेरी गांव निवासी लक्ष्मण दास, भाग चंद तथा संजीव कुमार से प्रति किसान क्रमश: चार, साढ़े चार व साढ़े तीन क्विंटल गोबर की खरीद की है तथा उन्हें प्रति क्विंटल 300 रुपये की दर से धनराशि उनके बैंक खातों में प्राप्त हो चुकी है। सरकार के इस अहम कदम से न केवल प्रदेश के किसानों व पशु पालकों को गोबर खरीद के माध्यम से आर्थिक लाभ सुनिश्चित हुआ है बल्कि पशु पालकों का गोबर प्राकृतिक खाद तैयार करने में भी लाभकारी सिद्ध होगा।
जब इस संबंध में लाभान्वित किसान व पशु पालक लक्ष्मण दास से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के माध्यम से सरकार ने उनसे 4 क्विंटल गोबर खरीदा है तथा 12 सौ रुपये उनके बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। उनका कहना है कि प्रदेश के किसानों व पशुपालकों के हित में सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उनके जैसे ग्रामीण परिवेश के किसान व पशु पालक लाभान्वित होंगे बल्कि पशुओं का गोबर प्राकृतिक खाद तैयार करने में भी लाभकारी सिद्ध होगा।
इसी तरह जोगिन्दर नगर के सेरी निवासी किसान व पशुपालक भाग चंद ठाकुर से बातचीत की उन्होंने भी सरकार द्वारा गोबर खरीद के प्रयास को सराहा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनके जैसे अन्य पशुपालक भी लाभान्वित होंगे बल्कि खराब होने वाली यह देशी खाद प्राकृतिक व वर्मी कंपोस्ट तैयार करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के माध्यम से उनसे भी सरकार ने साढ़े चार क्विंटल गोबर खरीदा है तथा साढ़े 13 सौ रुपये उनके बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसी तरह सेरी गांव के ही किसान संजीव कुमार से भी सरकार ने साढ़े तीन क्विंटल गोबर खरीदकर उन्हें एक हजार 50 रूपये प्राप्त हुए हैं।
गोबर समृद्धि योजना के तहत लाभान्वित किसानों व पशुपालकों ने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से न केवल प्रदेश के दूसरे किसान व पशुपालक लाभान्वित होंगे बल्कि खेतों को प्राकृतिक खाद भी उपलब्ध होगी। इससे न केवल किसानों को रासायनिक खाद से मुक्ति मिलेगी बल्कि खाद पर किसानों का होने वाला अतिरिक्त खर्च भी बचेगा तथा हमारी फसलें प्राकृतिक तौर पर स्वस्थ व शुद्ध तैयार हो सकेंगी।
क्या कहते हैं अधिकारी:
विषयवाद विशेषज्ञ (कृषि) पधर सोनम कुमारी ने बताया कि कृषि विभाग के जोगिन्दर नगर स्थित बीज गुणन फार्म के लिए स्थानीय तीन किसानों व पशुपालकों से सरकार की गोबर समृद्धि योजना के तहत गोबर की खरीद की है। इस योजना से लाभान्वित किसानों को सरकार ने 3 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर को खरीदा है तथा धनराशि को सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा किया जा चुका है।  
एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी का कहना है कि उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को प्रदेश सरकार की सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश जारी किये हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकार की इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। DOP 15/01/2025










Tuesday, 7 January 2025

अठारह सोलर लाइटों से जल्द जगमगाएगा जोगिंदर नगर का खेल मैदान

खेल मैदान के सुदृढ़ीकरण पर व्यय हो रहे 34 लाख रूपये, खिलाडिय़ों को मिलेगी बेहतरीन सुविधाएं

प्रदेश की सुख की सरकार ग्रामीण स्तर पर खेल सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण को निरंतर दे रही मजबूती


जोगिंदर नगर का खेल मैदान जल्द ही 18 सोलर लाइटों से जगमगाने वाला है। इन सोलर लाइटों के स्थापित हो जाने से जहां खिलाडिय़ों को देर रात्रि तक अपना अभ्यास करने में सुविधा प्राप्त होगी तो वहीं अब युवा अधिक समय खेल मैदान में व्यतीत कर पाएंगे। साथ ही खेल मैदान के सौंदर्यीकरण के लिए चारों ओर ऑर्नामेंटल (सजावटी) रेलिंग भी लगाई जा रही है, जिससे खेल मैदान की खूबसूरती में ओर वृद्धि होगी तथा यह मैदान बेसहारा पशुओं एवं कुत्तों इत्यादि से भी सुरक्षित होगा।
जोगिंदर नगर के खेल मैदान के विकास पर प्रदेश सरकार 34 लाख रुपये व्यय कर रही है। जिसमें बाउंड्री वॉल, ऑर्नामेंटल ग्रिल तथा सोलर लाइट इत्यादि कार्य किये जा रहे हैं। वर्तमान में लगभग 60 प्रतिशत तक यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस तरह आने वाले समय इस मैदान पर जहां खिलाडिय़ों को ओर बेहतरीन खेल सुविधाएं सुनिश्चित होंगी तो वहीं विभिन्न खेल गतिविधियों को भी बल मिलेगा। साथ ही हमारे बच्चे व युवा नशे जैसी सामाजिक बुराई से भी स्वयं का दूर रखने में सफल होंगे।
जोगिंदर नगर शहर का यह इकलौता खेल मैदान है जहां पर विभिन्न खेल गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इस खेल मैदान में न केवल जोगिन्दर नगर शहरी क्षेत्र बल्कि आसपास के ग्रामीण युवा भी विभिन्न खेलों का अभ्यास करते हैं। वर्तमान में यहां पर प्रतिदिन क्रिकेट, फुटबॉल, बास्केटबॉल इत्यादि खेलों के साथ-साथ बड़े स्तर युवा एथलेटिक्स गतिविधियां का भी निरंतर अभ्यास करते हैं। इसी खेल मैदान का नतीजा है कि यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। इसके अलावा इसी खेल मैदान की बदौलत जोगिन्दर नगर क्षेत्र के सैंकड़ों युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर भारतीय सेना, अर्ध सैन्य बलों तथा पुलिस विभाग में भर्ती होकर देश के लिए अपनीं बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में सुख की सरकार ने भी खेल व खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए जहां विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों की डाइट मनी के साथ-साथ यात्रा भत्ते में भी वृद्धि की है तो वहीं खेल छात्रावासों में रहने वाले खिलाडिय़ों की डाइट मनी को भी बढ़ाया है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर खेल सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्यरत है। सरकार का यह प्रयास न केवल युवाओं को खेलों व खेल मैदान की ओर आकर्षित करने में कारगर सिद्ध हो रहा है बल्कि युवा नशे जैसी सामाजिक बुराई से भी स्वयं को दूर रखने में कामयाब हो पा रहे हैं। सरकार के इन प्रयासों से न केवल युवा खेलों के माध्यम से भी भविष्य निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं बल्कि खेल सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण से युवाओं को बेहतरीन खेल सुविधाएं भी सुनिश्चित हो पा रही हैं। सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि जोगिन्दर नगर खेल मैदान के विकास पर 34 लाख रुपये व्यय हो रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
जोगिन्दर नगर खेल मैदान कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी का कहना है कि सरकार की ओर से खेल मैदान के विकास पर 34 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से खेल मैदान में सोलर लाइट्स, वाउंड्रीवॉल, ऑर्नामेंटल ग्रिल इत्यादि स्थापित करने पर यह धनराशि व्यय की जा रही है तथा वर्तमान में लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही खिलाडिय़ों को आने वाले समय में खेल प्रशिक्षण के लिए यहां बेहतरीन सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। DOP 08/01/2025










Tuesday, 31 December 2024

गागल-सिमस संपर्क सड़क के उन्नयन से श्रद्धालुओं को मिलेगी वाहनों के जाम से मुक्ति

प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना-तीन के तहत व्यय होंगे लगभग 5 करोड़ रूपये, आवागमन होगा सुरक्षित व सुगम 

मंडी जिला के जोगिन्दर नगर उपमंडल के प्रमुख धार्मिक स्थल संतान दात्री मां शारदा (सिमसा) के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को अब न केवल आए दिन लगने वाले वाहनों के लंबे जाम से मुक्ति मिलने वाली है बल्कि आवागमन भी बेहतर व सुगम होने वाला है। प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना-चरण तीन के तहत गागल से सिमस लगभग पांच किलोमीटर संपर्क मार्ग के उन्नयन (अपग्रेडेशन) का कार्य शुरू हो चुका है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सड़क के उन्नयन कार्य पर लगभग 5 करोड़ रूपये व्यय किये जा रहे हैं। इस निर्माण कार्य के चलते जहां सड़क को चौड़ा किया जा रहा है तो वहीं सड़क के किनारे नाली, फुटपाथ सहित मेटलिंग व टारिंग का कार्य भी किया जाएगा। साथ ही सड़क पर आवागमन को सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए जगह-जगह डंगे, पैरापेट, क्रैश बैरियर व स्टड रिफलेक्टर इत्यादि भी स्थापित किये जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सड़क पर अब छोटे-बड़े सभी वाहनों को जहां पास देने की दिक्कत से छुटकारा मिल जाएगा तो वहीं आए दिन लगने वाले वाहनों के लंबे जाम से मुक्ति मिलने पर अब श्रद्धालु सीधे मां के दरबार में आसानी से पहुंच पाएंगे।

जोगिन्दर नगर उपमंडल के अंतर्गत तहसील लडभड़ोल के गांव सिमस में मां शारदा (सिमसा) का यह पवित्र स्थान मौजूद है। प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ मंदिर परिसर में पहुंचते हैं। विशेषकर नवरात्रों के दौरान संतान की चाहत में बड़ी संख्या में महिलाएं हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए यहां पहुंचती हैं। ऐसे में नवरात्रों के दौरान मां के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को जहां सड़क के तंग होने से न केवल घंटों वाहनों की जाम की स्थिति से परेशानी झेलनी पड़ती है तो वहीं लंबा जाम लगने पर दो से तीन किलोमीटर तक पैदल सफर भी करना पड़ता है। लेकिन अब सडक़ के विस्तारीकरण से श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी वाहनों के इस लंबे जाम से मुक्ति मिलने वाली है।

सड़क के विस्तारीकरण कार्य में 70 फीसदी निजी भूमि, स्थानीय लोग खुलकर कर रहे सहयोग 

गागल-सिमस संपर्क सड़क के विस्तारीकरण कार्य में लगभग 70 फीसदी निजी भूमि आ रही है। लेकिन मां सिमसा के प्रति लोगों की गहरी आस्था व विश्वास का ही परिणाम है कि लोग खुलकर निजी भूमि का दान कर रहे हैं। स्थानीय वासियों राकेश कुमार, अनिल कुमार, रमेश चंद, सुरेश कुमार, राजेश कुमार इत्यादि का कहना है कि मां सिमसा के कारण ही आज उनके गांव का नाम हिमाचल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध हुआ है। संतान की चाहत में प्रति वर्ष हजारों महिलाएं देश-विदेश से अपनी मन्नत को पूरा करने को मां के दरबार में पहुंचती है। मां शारदा की ही शक्ति का प्रसाद है कि आज हजारों परिवारों को संतान सुख प्राप्त हो रहा है। उनका कहना है कि प्रतिवर्ष बढ़ते श्रद्धालुओं के कारण ही स्थानीय लोगों को सीधे व परोक्ष तौर पर रोजगार के अवसर पर भी मिल रहे हैं।

गांव की ही 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला सीता देवी का कहना है कि जब अस्सी के दशक में पहली बार सड़क सिमस गांव पहुंची थी तब भी ग्रामीणों ने खुलकर निजी भूमि दान की थी तथा आज भी वे सड़क के विस्तारीकरण में अपनी निजी भूमि का दान कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह मां शारदा का ही चमत्कार है कि आज सिमस गांव में तरह-तरह के विकास कार्य संभव हो पाए हैं तथा लोगों का जीवन स्तर बेहतर हुआ है। पहले गांव की महिलाओं को मात्र एक घड़ा पीने के पानी का इंतजाम करने में घंटों कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी तथा 2 से 3 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।

 क्या कहते हैं अधिकारी: 

एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी का कहना है कि संतान दात्री मां शारदा (सिमसा) इस क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थान है। मां के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का ही परिणाम है कि प्रति वर्ष भारी तादाद में लोग दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं। उनका कहना है कि गागल-सिमस संपर्क मार्ग के विस्तारीकरण का कार्य शुरू हो जाने से जहां आने वाले समय में यातायात सुगम व सुरक्षित होगा तो वहीं श्रद्धालुओं को भी आने-जाने में सुविधा मिलेगी। साथ ही स्थानीय वासियों को भी इस सड़क सुविधा का सबसे अधिक लाभ सुनिश्चित होगा। DOP 01/01/2025