जंगली जानवरों के आतंक से मिली निजात, कृषि उपज में भी हो रही बढ़ौतरी
जिला मंडी में सोलरयुक्त बाडबंदी पर चालू वित्तीय वर्ष में व्यय होंगे 4.16 करोड़ रूपये
जोगिन्दर नगर उप-मंडल की ग्राम पंचायत नेर घरवासड़ा के गांव मझारनू निवासी 67 वर्षाीय डुमणू राम के लिए प्रदेश सरकार की सोलरयुक्त बाड़बंदी किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई है। डुमणू राम ने अपनी कृषि योग्य लगभग तीन बीघा भूमि में सोलरयुक्त बाड़बंदी को लगाया है। जिसके कारण हमेशा जंगली सुअरों व बंदरों के कारण नष्ट होने वाली खेती को अब न केवल सहारा मिला है बल्कि जंगली जानवरों की पहरेदारी से भी छुटकारा हो गया है।
इस संबंध में जब बीपीएल परिवार में शामिल कृषक डुमणू राम से बातचीत की तो कहना है कि उन्हे कृषि विभाग के माध्यम से सरकार की सोलरयुक्त बाडबंदी का पता चला। बाडबंदी लगाने के लिए उन्होने अपनी ओर से लगभग 64 हजार रूपये खर्च किए हैं जबकि सरकार ने लगभग अढ़ाई लाख रूपये बतौर उपदान उपलब्ध करवाए हैं। विभाग के माध्यम से सोलरयुक्त बैटरी के संचालन बारे भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है तथा वे अब स्वयं ही इसकी देखभाल कर रहे हैं।
दो लडक़े व दो लड़कियों के पिता डुमणू राम का कहना है कि खेती-बाड़ी ही उनका प्रमुख पेशा रहा है तथा वे जीवन भर खेती बाड़ी व बागवानी से जुड़े रहे हैं। समय के बदलाव बारे कहते हैं कि अब जहां खेतीबाड़ी की नई-नई तकनीकें सामने आई हैं तो वहीं नकदी फसलों के कारण आमदन में भी बढ़ौतरी हुई है। उनका कहना है कि पारंपरिक खेती बाजरा, मक्की, गेहूं के साथ-साथ वे अब मौसमी सब्जियों का भी उत्पादन कर रहे हैं। साथ ही बागवानी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ते हुए जहां लगभग 250 अमरूद के तो वहीं अनार, आम, जामुन व आडू के फलदार पौधे भी लगाए हैं। इसके अलावा नींबू व गल-गल के फलदार पौधे भी तैयार किए हैं।
डुमणू राम का कहना है कि जंगली सुअरों व बंदरों के कारण उनकी फसल तथा फलदार पौधों को नुकसान हो रहा था, लेकिन अब बाड़बंदी हो जाने से उन्हे न केवल राहत मिली है बल्कि फसल भी बच रही है। उनका कहना है कि गांव में पानी, बिजली इत्यादि की कोई कमी नहीं लेकिन जंगली जानवरों के कारण फसलों को अक्सर नुकसान होता था, लेकिन सरकार की मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत सोलरयुक्त बाड़बंदी हो जाने के कारण उनकी यह समस्या भी हल हो गई है। डुमणू राम न केवल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार का धन्यवाद व्यक्त करते हैं बल्कि किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान लाभान्वित हो सकें।
कैसे करें आवेदन
मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को निर्धारित प्रपत्र के साथ जमीन की नकल व तमीमा लगाकर अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी या विषयवाद विशेषज्ञ के कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके बाद सोलरयुक्त बाडबंदी लगाने के लिए अधिकृत कंपनी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा संबंधित किसान की जमीन का दौरा कर प्राक्कलन तैयार किया जाता है। तदोपरान्त तैयार प्राक्कलन को स्वीकृति हेतु उपनिदेशक कृषि को भेजा जाता है। स्वीकृति मिलने के बाद प्राधिकृत कंपनी द्वारा सोलरयुक्त बाडबंदी की जाती है तथा कंपनी और किसान के मध्य एक समझौता भी किया जाता है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत तौर पर बाडबंदी को 80 प्रतिशत जबकि सामूहिक तौर पर 85 प्रतिशत तक अनुदान मुहैया करवाया जाता है। इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी, कृषि प्रसार अधिकारी, विषयवाद विशेषज्ञ या उपनिदेशक कृषि के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे उपनिदेशक कृषि मंडी डॉ. जीत सिंह ठाकुर का कहना है कि जिला में वर्ष 2018-19 में सोलरयुक्त बाड़बंदी को 4.55 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया था जिसके तहत पूरे जिला में 189 किसानों की बाडबंदी को स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने सोलरयुक्त बाडबंदी के लिए 4.16 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है और अब तक 35 किसानों को सोलरयुक्त बाड़बंदी लगाने को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि सरकार मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर 80 प्रतिशत जबकि सामूहिक तौर पर सोलरयुक्त बाड़बंदी को 85 प्रतिशत तक का अनुदान मुहैया करवा रही है। उन्होने ज्यादा से ज्यादा किसानों से इस योजना का लाभ उठाने का आहवान किया है।
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