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Saturday, 13 August 2016

बिना सेट टॉप बॉक्स 31 दिसम्बर के बाद नहीं देख पाएंगें केबल टीवी

हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले केबल टीवी उपभोक्ता अब बिना सेट टॉप बॉक्स 31 दिसम्बर, 2016 के बाद टेलीविजन का प्रसारण अपने टीवी पर नहीं देख पाएंगें। संपूर्ण भारत वर्ष में चलाए जा रहे केबल टीवी डिजिटाईजेशन के चलते देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों सहित हिमाचल प्रदेश की 3226 ग्राम पंचायतों के केबल टीवी उपभोक्ताओं को टीवी प्रसारण के लिए सेट टॉप बॉक्स या डीटीएच की सुविधा लेनी होगी अन्यथा उनके टीवी पर प्रसारण बंद हो जाएगा। साथ ही केबल टीवी प्रसारणकर्ता को भी केबल टीवी अधिनियम के तहत निर्धारित तिथि के बाद डिजिटल प्रसारण करना भी अनिवार्य है। 
भारत की जनगणना-2011 के आंकडों के अनुसार देश में 117 मिलियन यानि की 11.7 करोड घरों में टीवी की सुविधा उपलब्ध है। जबकि फीकी-केपीएमजी रिपोर्ट-2015 के अनुसार यह आंकडा बढक़र लगभग 168 मिलियन यानि की 16.8 करोड तक पहुंच गया है। जिसमें से लगभग 9.9 करोड केबल टीवी, 4 करोड डीटीएच, एक करोड डीडी फ्री डिस व आइपीटीवी तथा 1.9 करोड परिवार डीडी टेरेस्ट्रेअल के माध्यम से जुडे हुए हैं। 
ऐसे में देश के अन्दर केबल टीवी प्रसारण को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन्) अधिनियम-1995 के तहत संचालित किया जा रहा है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अगस्त-2010 में केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन्) संशोधन अधिनियम-2011 के तहत भारत में डिजिटल संबोधनीय केबल प्रणालियों का कार्यान्वयन को लेकर 4 विभिन्न चरणों में एनॉलाग केबल टीवी सेवाओं को डिजिटल संबोधनीय केबल टीवी प्रणाली में परिवर्तित करने की सिफारिश की है। जिसके तहत प्रथम व द्वितीय चरण में देश के चार महानगरों एवं 38 बडे शहरों को केबल टीवी डिजिटाइजेशन के तहत लाया गया है। जबकि तीसरे चरण मे 31 दिसम्बर, 2015 तक देश के सभी नगरीय क्षेत्रों तथा 31 दिसम्बर, 2016 तक देश के बचे हुए सभी ग्रामीण क्षेत्रों को केबल टीवी डिजिटल नेटवर्क के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश की सभी ग्रामीण क्षेत्रों को केबल टीवी डिजिटाइजेशन के साथ 31 दिसंबर, 2016 तक जोडा जाना लाजिमी है। ऐसे में प्रदेश के 54 नगरीय क्षेत्रों सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में केबल टीवी का प्रसारण कर रहे मल्टी  सिस्टम आपरेटर (एमएसओ) तथा लोकल केबल आपरेटर (एलसीओ) को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन्) अधिनियम-1995 एवं केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन्) संशोधन अधिनियम-2011 की धारा तीन के अन्तर्गत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार तथा संबंधित प्रसारण क्षेत्र के पंजीकरण प्राधिकरण के पास पंजीकरण के लिए आवेदन करना तथा धारा चार(क) के तहत सभी केबल आपरेटर एमएसओ व एलसीओ को निर्धारित तिथि के बाद केबल टीवी का डिजिटल संबोधनीय प्रणाली(डीएएस) के तहत प्रसारण करना अनिवार्य है।
साथ ही केबल टीवी नेटवर्क पंजीकरण नियम 5 के तहत सभी स्थानीय केबल ऑपरेटर्स (एलसीओ) को अपने प्रसारण क्षेत्र के मुख्य डाकपाल तथा पंजीकरण नियम 11 सी के तहत मल्टी सिस्टम आपरेटर (एमएसओ) को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसी तरह केबल टीवी नेटवर्क अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रोग्राम कोड तथा धारा 6 के अनुसार निर्धारित विज्ञापन कोड लेना भी जरूरी है जिसके बिना केबल टीवी पर प्रसारण अवैध है। इसके अतिरिक्त धारा आठ के तहत केबल आपरेटर को दूरदर्शन के 25 चैनल जिसमें डीडी नेशनल, लोकसभा, राज्यसभा, डीडी न्यूज, ज्ञानदर्शन, स्पोटर्स, किसान चैनल इत्यादि शामिल है का प्रसारण करना भी अनिवार्य है। यही नहीं केबल प्रसारणकत्र्ता को केबल नेटवर्क अधिनियम की धारा 9 के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित बीआईएस गुणवत्ता वाले सेट टॉप बॉक्स व अन्य उपकरण भी लगाने अनिवार्य हैं। 
ऐसे में यदि केबल टीवी आपरेटर सरकार द्वारा निर्धारित तिथि तथा केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम के तहत नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम की धारा 11 व 12 के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी जिसमें जिला मेजिस्ट्रेट (डीएम), अतिरिक्त जिला मेजिस्ट्रेट (एडीएम), उपमंडलीय दंडाधिकारी (एसडीएम) तथा पुलिस कमीश्नर शामिल है नियमों के विरूद्ध कार्य करने पर केबल टीवी प्रसारणकत्र्ता के उपकरणों को जब्त कर सकता है तथा नियमानुसार कडी कार्रवाई अमल में ला सकते हंै। धारा 16 के तहत नियम की उल्लंघना पाए जाने पर एक हजार रूपये का जुर्माना या दो साल तक की जेल या दोनों जबकि पुन: उल्लंघना होने पर पांच हजार रूपये तक का जुर्माना या पांच साल की जेल या दोनों सजाएं हो सकती है। 
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अनुसार देश में अब तक हुए केबल टीवी डिजिटाइजेशन के कारण जहां उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तायुक्त केबल टीवी प्रसारण की सुविधा सुनिश्चित हुई है तो वहीं मनपंसद चैनल देखने की आजादी भी मिली है। साथ ही केबल टीवी डिजिटाइजेशन के कारण सरकार के राजस्व में भी बतौर मनोरंजन व सेवा कर के तौर पर अभूतपूर्व बढ़ौतरी दर्ज हुई है। 
ऐसे में हिमाचल प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में केबल टीवी का प्रसारण कर रहे केबल आपरेटर (एमएसओ व एलसीओ) केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम के तहत अपना पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें ताकि प्रदेश के लाखों केबल टीवी उपभोक्ताओं को सेट टॉप बॉक्स के माध्यम से डिजिटल प्रसारण की सुविधा समयानुसार सुनिश्चित हो सके। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित तिथि 31 दिसम्बर, 2016 के बाद प्रदेश के  सभी ग्रामीण क्षेत्रों में एनॉलाग केबल टीवी प्रसारण की सेवा समाप्त हो जाएगी।
उपभोक्ता व केबल ऑपरेटर केबल टीवी डिजीटाईजेशन के तहत अधिक जानकारी के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के टोल फ्री हेल्पलाईन नम्बर-18001804343 पर जानकारी हासिल कर सकते हैं।

 (साभार: दैनिक न्याय सेतु 21 अक्तूबर, 2016 को संपादकीय पृष्ठ में प्रकाशित)

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