एक हैक्टेयर में सोलरयुक्त बाडबंदी कर फसलों को किया सुरक्षित, उपज में हुई बढ़ौतरी
हिमाचल प्रदेश के किसान आए दिन बंदरों व अन्य जंगली जानवरों के कारण फसलों को हो रहे नुकसान के चलते जहां मजबूरीवश खेती को छोडने के लिए विवश हो रहे हैं तो वहीं खेती-बाड़ी लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही है। इस समस्या को प्रदेश सरकार ने भी गंभीरता से लिया है तथा किसानों की फसलों को बचाने के लिए मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना को शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को अपने खेतों की सोलरयुक्त बाडबंदी के लिए प्रदेश सरकार 80 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश सरकार ने बजट 2018-19 के लिए तीन या इससे अधिक किसानों द्वारा संयुक्तरूप से बाडबंदी करवाने पर 85 प्रतिशत तक का अनुदान देने का प्रावधान किया है।
जिला ऊना के सांसद आदर्श गांव लोअर देहलां निवासी 62 वर्षीय पवन कुमार ऐरी के लिए मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई है। बाडबंदी के कारण जहां जंगली जानवरों द्वारा फसलों को होने वाला नुकसान कम हुआ है तो वहीं फसल के उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज हुई है।
इस बारे जब पवन कुमार ऐरी से बातचीत की तो उनका कहना है कि उन्होने लगभग एक हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि में सोलरयुक्त बाडबंदी कर रखी है जिससे न केवल विभिन्न तरह के जंगली जानवरों जैसे नील गाय, सांबर, जंगली सुअर इत्यादि से उनकी फसल सुरक्षित हुई है बल्कि वह अब घर में चैन की नींद सो पाते हैं। उनका कहना है कि उनके द्वारा खेतों में की गई सोलरयुक्त बाडबंदी का असर आसपास के खेतों पर भी पडा है तथा जंगली जानवरों के नुकसान में कमी आई है। उन्होने बताया कि पहले जहां उनके इस एक हैक्टेयर रकबे में लगभग 22 से 25 क्विंटल गेंहू की पैदावार हो पाती थी जो अब बढक़र 35 से 40 क्विटल तक पहुंच गई है।
पवन कुमार का कहना है कि सोलरयुक्त बाडबंदी से पूर्व जहां जंगली जानवर उनकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते थे तो वहीं खेतों की रखवाली के लिए उन्हे दिन-रात पहरा देना पड़ता था। लेकिन उन्हे जैसे ही प्रदेश सरकार की मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना बारे पता चला तो उन्होने कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से यह बाडबंदी करवाई। उन्होने बताया कि सोलयुक्त बाड को छूने पर जहां 12 वोल्ट करंट का झटका लगता है तो वहीं इसका रखरखाव भी ज्यादा मुश्किल नहीं है। उनका कहना है कि यदि सरकार बाडबंदी करते वक्त निचले हिस्से को पक्का करने या पोलीशीट लगाने का भी प्रावधान कर दे तो घास व झाडियां इत्यादि उगने से अक्सर बाड़ में करंट अवरूद्ध होने की संभावना बनी रहती है से भी छुटकारा मिलेगा।
उनका कहना है कि मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना बंदरों व अन्य जंगली जानवरों से परेशान किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है तथा लोगों से इन योजना का भरपूर लाभ उठाने का आहवान किया है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
उपनिदेशक कृषि विभाग ऊना यशपाल चौधरी का कहना है कि मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सरकार सोलरयुक्त बाडबंदी के लिए 80 प्रतिशत तक का अनुदान उपलब्ध करवा रही है। उन्होने बताया कि जिला ऊना में इस योजना के तहत वर्ष 2017-18 के दौरान 42 किसानों को लाभान्वित कर 1.14 करोड रूपये की राशि व्यय की गई है तथा 18 हजार 400 मीटर लंबी परिधि की 9 कतारों वाली तारें लगाई गई हैं। उन्होने बताया कि एक बैटरी से लगभग 15 सौ मीटर सोलरयुक्त बाडबंदी की जा सकती है, ऐसे में किसानों से सामूहिक तौर पर इस योजना का लाभ उठाने का आहवान किया है ताकि बाडबंदी की लागत कम हो सके। साथ ही जिला के ज्यादा से ज्यादा किसानों से इस योजना का लाभ उठाने का भी आग्रह किया है ताकि उनकी फसलों को बंदरों, अवारा पशुओं एवं अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षित रखा जा सके।
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