Himdhaara Search This Blog

Wednesday, 9 February 2022

जड़ी बूटियों से बनने वाली धूपन सामग्री पर काम करेंगे बैजनाथ के चंद्र दीक्षित

 सीएम स्टार्टअप योजना के तहत प्राकृतिक एवं आयुर्वेद तरीके से तैयार होंगे धूप व अगरबत्ती

बैजनाथ जिला कांगड़ा के निवासी चंद्र दीक्षित मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम के तहत जड़ी बूटियों से धूप व अगरबत्ती को तैयार करेंगे। प्राकृतिक तरीके से तैयार होने वाले इन धूपन सामग्री से न केवल लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका सीधा लाभ मिलेगा बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बच पाएगा। मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश आयुष विभाग के जोगिन्दर नगर स्थित भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान में स्थापित इन्क्यूबेशन केंद्र में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।
जब इस बारे चंद्र दीक्षित से बातचीत की तो उन्होने बताया कि वे प्रदेश में बायो वेस्ट प्रबंधन पर जिला कांगड़ा प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध शक्तिपीठों ज्वालाजी, चामुंडा, ब्रजेश्वरी तथा बैजनाथ मंदिरों के फूलों को वे न केवल एकत्रित करते हैं बल्कि धूप व अगरबत्ती बनाकर इनका वैज्ञानिक तरीके से निपटारा भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले इन फूलों को आस्था की दृष्टि से न तो नदी-नालों में बहाया जा सकता है न ही इन्हे दबा सकते हैं। यही नहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी अप्राकृतिक तरीके से इन फूलों का निपटारा करना मानव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण के लिये भी नुकसान दायक है।
उनका कहना है कि इन फूलों में हानिकारक कीटनाशक होते हैं तो मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य प्राणियों के लिये भी खतरनाक हैं। ऐसे में प्राकृतिक तरीके से धूपन सामग्री तैयार करने के लिये सीएम स्टार्टअप स्कीम के तहत आयुर्वेद पद्धति से कार्य करने को आगे कदम बढ़ाया है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा प्राप्त चंद्र दीक्षित बताते हैं कि आयुष विभाग के सहयोग से जड़ी-बूटियों से तैयार होने वाली धूपन सामग्री से जहां जड़ी-बूटियां तैयार करने वाले प्रदेश के किसान लाभान्वित होंगे तो वहीं उपभोक्ताओं को वैज्ञानिक तरीके से तैयार आयुर्वेदिक धूप व अगरबत्ती प्राप्त हो सकेगी।
क्या कहते हैं अधिकारी:
इस संबंध में क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर डॉ. अरूण चंदन का कहना है कि जड़ी-बूटियों एवं वनौषधियों में स्टार्ट अप को मदद करने की दिशा में भारतीय चिकित्सा पद्धति भ्अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर में इन्क्यूबेशन केंद्र कार्य कर रहा है। मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना के माध्यम से यहां पर नवोन्मेषी विचार को लेकर शोध कार्य किया जा रहा है तथा संस्थान हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।
उनका कहना है कि सीएम स्टार्टअप के तहत चंद्र दीक्षित ने धूपन सामग्री पर कार्य करने को आवेदन प्रस्तुत किया है। धूपन पद्धति हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है तथा आयुर्वेद में भी इसका जिक्र मिलता है। ऐसे में चंद्र दीक्षित आयुर्वेद पद्धति पर आधारित धूपन सामग्री निर्माण में कार्य करने जा रहे हैं, जिस बारे संस्थान की ओर से उन्हे हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी ताकि वे प्राकृतिक एवं आयुर्वेद तरीके से धूप व अगरबत्ती को तैयार कर सकें।
क्या है मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना:
मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत चयनित युवा व किसान के नवोन्वेषी विचार को बतौर उद्यम विकसित करने तथा शोध कार्य के लिए सरकार प्रतिमाह 25 हजार रूपये की एक वर्ष तक छात्रवृति प्रदान करती है। साथ ही नवीन विचार को लेकर इन्क्यूबेशन सेंटर में उपलब्ध आधारभूत ढांचे की सुविधा को भी नि:शुल्क मुहैया करवाया जाता है। इसके अलावा तैयार उत्पाद के पंजीकरण से लेकर पेटेंट करवाने तक की भी मदद की जाती है।
सीएम स्टार्ट अप योजना के तहत प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर के अलावा आईआईटी मंडी, एनआईटी हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला, चितकारा विश्वविद्यालय सोलन, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, उद्यानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी सोलन, जेपी विश्वविद्यालय वाकनाघाट सोलन, हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर तथा हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् शिमला को भी इन्क्यूबेशन सेंटर के तौर पर स्थापित किया है ताकि युवा अपने नवीन विचारों को इन इन्क्यूबेशन केंद्र के सहयोग से उद्यम में बदल सकें।







No comments:

Post a Comment