गैस्ट हाऊस कम रेस्टोरेंट चलाने को मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना से मिली उड़ान
पेशे से सॉफटवेयर इंजीनियर, 15 वर्षों का लंबा कार्य अनुभव लेकिन बावजूद इसके घर वापिसी कर स्वरोजगार के माध्यम से आगे बढऩे की जिद्द। ऊपर से देश के बड़े-बड़े शहरों की चकाचौंध ही नहीं बल्कि लंदन व थाईलैंड इत्यादि देशों का आकर्षण भी स्वरोजगार के माध्यम से आगे बढऩे की ललक के आगे फीका। बस जुंबा पर एक ही लक्ष्य घर लौटकर कुछ ऐसा करने का जिससे वह न केवल अपने घर पर ही रहे बल्कि स्वरोजगार से जुडक़र आर्थिकी को एक नई दिशा व ऊर्जा भी मिले। आखिर 15 वर्षों की लंबी नौकरी छोडक़र स्वरोजगार को अपनाना कोई छोटी हिम्मत वाला कार्य नहीं है। लेकिन यदि आगे बढऩे के लिए हौंसले बुलंद हों तो इंसान बड़ी से बड़ी चुनौती को भी आसानी से पार पा लेता है।
इन्ही कुछ सपनों को लेकर मंडी जिला के जोगिन्दर नगर के चौगान (मचकेहड़) निवासी 41 वर्षीय कपिल सूद ने गैस्ट हाऊस कम रेस्टोरेंट खोलकर यह साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश का युवा महज डिग्रीयां हासिल कर नौकरी के माध्यम से ही नहीं बल्कि स्वरोजगार अपनाकर भी आगे बढऩे में सक्षम है। लेकिन कपिल सूद के इस सपने को हकीकत बनाने में प्रदेश सरकार की मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना ने बड़ी भूृमिका अदा की है। इसी योजना का लाभ उठाकर आज कपिल सूद ने स्वरोजगार के माध्यम से आगे बढऩे को कदम बढ़ाए हैं।
जब इस बारे कपिल सूद से बातचीत की तो उनका कहना है कि मार्च 2018 में उन्होने घर वापिसी की तथा स्वरोजगार शुरू कर आगे बढऩे का निर्णय लिया। प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज कांगड़ा व मंड़ी जिला की बिलिंग व बरोट घाटी में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाईडिंग साइट्स बीड़-बिलिंग घाटी के समीप मचकेहड़ में बिलिंग विस्टा नाम से गेस्ट हाऊस कम रैस्टोरेंट खोलने का कार्य शुरू कर दिया। बीड़-बिलिंग में आने वाले देशी व विदेशी पर्यटकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिले इस दृष्टिकोण से गैस्ट हाऊस को विकसित करने का निर्णय लिया। लेकिन कपिल सूद के इस सपने को प्रदेश सरकार की मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना ने न केवल एक नई दिशा दी बल्कि वह वे सब करने में कामयाब हो पाए जिसे वह करना चाहते थे।
उन्होने बताया कि मुख्य मत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से उन्हे सरकार ने 21 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत किया है। इसी आर्थिक मदद की बदौलत आज उनके गेस्ट हाऊस में सभी सुविधाओं से युक्त जहां 7 डीलक्स कमरे हैं तो वहीं 50 लोगों के लिए एक बड़ा डाइनिंग हॉल भी है। उनका कहना है कि उनके गैस्ट हाऊस से बिलिंग घाटी का आंखों को सुकून प्रदान करने वाला नयनाविभोर दृश्य पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। साथ ही यहां का स्वच्छ, साफ एवं ठंडी हवा वाला वातावरण पर्यटकों को लंबे समय तक रूकने को मजबूर कर देता है। ऐसे में पर्यटकों को गेस्ट हाऊस में अच्छी सुविधाएं मिले इसका भी खास ख्याल रखा जाता है। इसके अलावा स्थानीय लोग भी जन्मदिन एवं सेवानिवृति की पार्टियां भी यहां करना पसंद करते हैं।
कपिल सूद का कहना है कि शुरूआती दौर में यहां अच्छा काम चला लेकिन कोरोना महामारी के दौर में जरूर कुछ समय के लिए विराम लगा लेकिन अब धीरे-धीरे उनका यह काम फिर से जोर पकडऩे लगा है। उन्होने अपने गैस्ट हाऊस में तीन अन्य स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है।
उन्होने मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना को शुरू करने के लिए मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि इस तरह की योजनाएं स्वरोजगार को गति प्रदान करने में अहम कड़ी साबित होती हैं। जहां तक हिमाचल प्रदेश की बात है तो यहां पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार की बड़ी संभावना है जो प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को रोजगार प्रदान कर सकती हैं। पर्यटन क्षेत्र के विकास में यदि सरकार मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करे तो यह हमारे प्रदेश की तकदीर बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होने प्रदेश के नौजवानों विशेष कर शिक्षित युवाओं से सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर स्वरोजगार के माध्यम से आगे बढऩे का आहवान् किया है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
जब इस बारे महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र मंडी ओपी जरयाल से बातचीत की तो उनका कहना है कि मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से अकेले जिला मंडी में ही अब तक 298 मामलों को स्वीकृति प्रदान कर बैंकों के माध्यम से 60.74 करोड़ रूपये का ऋण उपलब्ध करवाया है तथा इससे 1104 लोगों को संभावित रोजगार सुनिश्चित होगा। जबकि 128 मामलों में सरकार की ओर से 6.55 करोड़ रूपये का अनुदान लाभार्थियों को मुहैया करवा दिया गया है।
उन्होने बताया कि इस योजना के माध्यम 18-45 वर्षं के पुरूषों को सरकार 40 लाख रूपये के निवेश पर 25 प्रतिशत जबकि महिलाओं को 30 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। जबकि विधवा महिलाओं को 35 प्रतिशत की दर से यह अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा स्वीकृत ऋण पर 3 वर्ष तक ब्याज में पांच फीसदी की प्रतिपूर्ति तथा बैकों की सीजीटीएमएसई के तहत प्रोसैसिंग फीस का भुगतान भी सरकार कर रही है।
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