Monday, 16 August 2021

सीएम स्टार्टअप के तहत चंबा के रियाज मोहम्मद ने बनाई हर्बल वाईन (साईंस)

क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र-एक उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर में स्थापित इंक्यूबेशन केंद्र के सहयोग से पूरा किया शोध

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला निवासी रियाज मोहम्मद ने मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम का लाभ उठाते हुए जड़ी बूटियों एवं औषधीय पौधों से एक हर्बल वाईन तैयार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। रियाज मोहम्मद जल्द ही अपने इस तैयार उत्पाद को मार्किट में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में यह हर्बल वाईन एक इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करेगी।

भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान जोगिन्दर नगर में राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र-एक उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर में आयुर्वेद एवं औषधीय जड़ी बूटियों पर आधारित नवोन्वेषी विचार एवं शोध के लिए सीएम स्टार्टअप स्कीम के तहत स्थापित इंक्यूबेशन केंद्र स्थापित किया है। इसी केंद्र के सहयोग से चंबा के रियाज मोहम्मद ने कड़ी मेहनत व शोध तथा सीएम स्टार्टअप स्कीम की आर्थिक मदद से हर्बल वाईन (साईंस) को तैयार करने में यह बड़ी कामयाबी हासिल की है। जल्द ही यह हर्बल वाईन लोगों को मार्किट में उपलब्ध हो जाएगी। पूरी तरह से प्राकृतिक एवं औषधीय पौधों व जड़ी बूटियों से तैयार यह हर्बल वाईन (साईंस) न केवल लोगों को एक वाईन का स्वाद देगी बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करेगी। बड़ी बात तो यह है कि इस हर्बल वाईन का विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शोध संस्थानों में वैज्ञानिक विश्लेषण भी पूरा कर लिया गया है तथा शेष अन्य औपचारिकताओं के पूर्ण होते ही अब यह लोगों को उपलब्ध होने वाली है।

जब इस बारे इंक्युबेटर रियाज मोहम्मद से बातचीत की तो उन्होने बताया कि राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र-एक उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर के निदेशक डॉ. अरूण चंदन के मार्गदर्शन एवं मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम की आर्थिक मदद से वे अपने इस हर्बल प्रोडक्ट को तैयार करने में कामयाब हो पाए हैं। उन्होने बताया कि आयुर्वेद में आसव आरिष्ट तथा सूरा पर आधारित उत्पाद का जिक्र है, जो न केवल लीवर को मजबूत बनाते हैं बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा पश्चिमी देशों के शोध में सूरा यानि की वाईन को हर्ट के लिए भी बेहतर बताया गया है। आयुर्वेद में आसव आरिष्ट तथा क्षेत्रीय स्तर पर ग्रामीणों द्वारा तैयार की जाने वाली सूरा या ध्रुब्बली के गहन अध्ययन के बाद इस हर्बल वाईन को तैयार किया गया है। इस हर्बल वाईन का नाम साईंस यानि की अंग्रेजी में Psycience रखा है। जिसका मतलब है मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक मिश्रण, जो व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने का काम करेगी। साथ ही बताया कि इस हर्बल वाईन में अनाज व फलों के एक्सट्रैक्ट के साथ-साथ विभिन्न जड़ी बूटियों के मिश्रण को इसमें शामिल किया गया है।
सलूणी चंबा के रहने वाले हैं रियाज मोहम्मद, माइक्रोबायोलॉजी में है स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त
जिला चंबा के सलूणी निवासी 31 वर्षीय रियाज मोहम्मद की प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय चंबा से हुई है। इन्होने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी व एमएससी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है। इन्होने लगभग 9 माह तक चंबा मेडिकल कॉलेज में भी पढ़ाया है। रियाज मोहम्मद ने बताया कि जड़ी बूटियों पर आधारित पारिवारिक कारोबार के चलते इन्होने आयुर्वेद एवं जड़ी-बूटियों पर आधारित शोध कार्य का निर्णय लिया है जिसमें सीएम स्टार्टअप स्कीम के सहयोग से वे कामयाब हो पाए हैं।
मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम नवोन्वेषी विचार को बतौर उद्यम स्थापित करने में है मददगार
रियाज मोहम्मद का कहना है कि प्रदेश सरकार की मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम उनके जैसे नवोन्वेषी विचार एवं शोध कार्य के माध्यम से उद्यम स्थापित करने वाले युवाओं के लिए मददगार साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से न केवल उन्हे आर्थिक तौर पर सरकार सहायता दे रही है बल्कि उनके नवोन्वेषी विचार से तैयार उत्पाद को एक मुकाम भी प्रदान कर रही है। उन्होने ज्यादा से ज्यादा युवाओं से सरकार की इस योजना का लाभ उठाने का भी आहवान किया है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
आयुर्वेद एवं औषधीय जड़ी बूटियों पर सीएम स्टार्टअप स्कीम के तहत जोगिन्दर नगर में स्थापित इंक्यूबेशन केंद्र में हुए इस शोध कार्य की पुष्टि करते हुए राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के क्षेत्रीय निदेशक उत्तर भारत स्थित जोगिन्दर नगर डॉ. अरूण चंदन ने बताया कि संस्थान के इन्क्यूबेटर रियाज मोहम्मद ने हर्बल वाईन तैयार करने में कामयाबी हासिल कर ली है। इनका कहना है कि रियाज मोहम्मद द्वारा तैयार स्टार्टअप हर्बल वाईन प्रोडक्ट पर पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ एवं अन्य शोध संस्थानों में वैज्ञानिक विश्लेषण भी पूरा कर लिया गया है तथा जल्द ही यह प्रोडक्ट मार्किट में लोगों को उपलब्ध हो जाएगा।










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