भारत वर्ष की जनगणना-2011 के आंकडों के आधार पर पूरे देश में 0-6 वर्ष आयु वर्ग में प्रति हजार लडक़ों के मुकाबले लड़कियों के लिंगानुपात में कमी दर्ज हुई है। आंकडों के अनुसार यह लिंगानुपात वर्ष 1961 में 976 से वर्ष 2011 में 918 तक पहुंच गया है जो कि अब तक हुई जनगणनाओं में सबसे कम आंका गया है। ऐसे में समाज में बेटियों के प्रति नजरिए में आए बदलाव तथा भ्रूण में ही कन्याओं की बढ़ती हत्यों के प्रति व्यापक जन जागरूकता लाने के लिए प्रथम चरण में पूरे देश के सबसे प्रभावित चुनिंदा 100 जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत से आरंभ किया। इस अभियान के तहत ऊना जिला को भी शामिल किया गया है जहां पर यह लिंगानुपात 875 दर्ज हुआ था।
जिला ऊना में गत तीन वर्षों के दौरान इस अभियान के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा लगातार अनेक कदम उठाए जाते रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप आज जिला का 0-6 वर्ष आयु वर्ग का कन्या शिशु लिंगानुपात 875 से बढक़र 915 तक पहुंचा है। लेकिन जिला प्रशासन जहां ऊना में कन्या शिशु लिंगानुपात को प्रतिहजार लडकों के पीछे 950 तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है तो वहीं बेटियों के प्रति समाज में व्याप्त नकारात्मक सोच को बदलने के लिए ऊना उत्कर्ष के माध्यम से तीन नई योजनाओं को शुरू किया है। जिनका प्रमुख लक्ष्य जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रबल व गतिशील बनाना है तो वहीं जिला की बेटियों व उनके माता-पिता को सम्मानित भी करना है। साथ ही जिला की बेटियों को शिक्षा के साथ-साथ समाज में प्रोत्साहित करने, बेटियों को जीवन में सक्षम बनाने तथा भविष्य उज्ज्वल हो इस दिशा में मदद का हाथ भी बढ़ाना है।
उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि ऊना उत्कर्ष के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज की सोच में बदलाव लाने को तीन प्रमुख कार्य किए जाएंगे। जिनमें सर्वप्रथम बेटियों वाले परिवारों के माता-पिता को उपायुक्त कार्ड देकर जहां सम्मानित करना है तो वहीं इस कार्ड के माध्यम से सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों इत्यादि में सरकारी सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाना है ताकि बेटी परिवार का गौरव बन सके। दूसरा प्रयास जन भागीदारी के माध्यम से जहां दुकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों का नामकरण बेटियों के नाम पर करना व उन्हे 21 सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करना है ताकि जिला में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रचार-प्रसार को एक जन आंदोलन बनाया जा सके।
इसी कडी में तीसरा प्रयास जिला में पैदा होने वाली बेटियों के जन्म को एक उत्सव के रूप में मनाना है। इसके लिए जिला की वे पंचायतें पात्र होंगी जहां वर्ष 2017-18 के आंकडों के आधार पर कन्या लिंगानुपात 800 से कम है तथा ग्राम पंचायत इस आशय का प्रस्ताव पारित करेंगी कि वह अपने क्षेत्र में कन्या भ्रूण हत्या नहीं होने देंगे तथा समस्त घरों के बाहर महिला सदस्य के नाम का बोर्ड लगवाना सुनिश्चित करेंगे। इस प्रयास के माध्यम से चिंतपूर्णी मंदिर न्यास के सौजन्य से पहली बेटी के जन्म पर 11 हजार, दूसरी बेटी के जन्म पर 21 हजार तथा तीसरी बेटी के जन्म पर 51 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना का लाभ इसके लागू होने की तिथि के उपरान्त पैदा होने वाली बेटियों को दिया जाएगा। साथ ही बेटी का विवाह परिवार के लिए बोझ न बने इस नकारात्मक दृष्टिकोण को समाप्त करने के लिए बेटी के विवाह पर उपहार स्वरूप 51 हजार रूपये की राशि उन पंचायतों में प्रदान की जाएंगी जिनमें वर्ष 2017-18 के दौरान कन्या लिंगानुपात की दर 950 से अधिक रही है।
इसके अलावा जिला में दसवीं व 12वीं कक्षाओं के कला, विज्ञान तथा वाणिज्य संकायों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पहली 10 बेटियों को 21-21 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रमाणित पहले 100 रैंक वाले विश्व विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययन कर रही जिला की बेटियों का पूरा खर्चा भी जिला प्रशासन द्वारा वहन किया जाएगा। जिन बेटियों ने 12वीं कक्षा के बाद परिवार की तंग आर्थिकी के कारण आगे दाखिला नहीं लिया है, जिला प्रशासन द्वारा सरकारी महाविद्यालयों में पुन: दाखिला लेने के लिए पांच हजार रूपये की राशि एक मुश्त प्रदान की जाएगी। साथ ही जिला में खंड स्तर पर लगने वाले नि:शुल्क विशेषज्ञ चिकित्सा शिविरों में जिला की 0-18 वर्ष आयु वर्ग की बेटियों की नि:शुल्क चिकित्सा जांच भी की जाएगी।
इस तरह ऊना जिला प्रशासन द्वारा बेटियों को समाज में स्थापित करने, सक्षम बनाने तथा लोगों में व्याप्त नकारात्मक सोच को बदलने के लिए ऊना उत्कर्ष के माध्यम से यह महत्वपूर्ण पहल निश्चित तौर जहां समाज में बेेटियों के कारण हाशिए पर गए परिवारों को समाज में गौरवान्ति होने का एक अवसर प्रदान करेगी बल्कि बेटी का माता-पिता होना गौरव की बात भी बनेगा। साथ ही बेटी परिवार व क्षेत्र में सरकार की मूलभूत सुविधाओं में सुधार लाने का भी कारण बने इस दिशा में भी जिला प्रशसान की यह अनूठी पहल निश्चित तौर पर सफल होगी।
(साभार: आपका फैसला 17 सितम्बर, 2018 के संपादकीय पृष्ठ में प्रकाशित)
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