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Tuesday, 23 December 2025

रोहल झंडुता के अमन शर्मा का सुख आश्रय योजना से पूरा हुआ मकान का सपना

प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में मकान निर्माण को दी है 3 लाख की आर्थिक मदद

जिला बिलासपुर के झंडुता उपमंडल के गांव रोहल निवासी 25 वर्षीय अमन शर्मा का मकान बनाने का सपना मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत पूरा हुआ है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत मकान निर्माण को 3 लाख रुपये की आर्थिक मदद की है। ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ अमन शर्मा प्रदेश सरकार की आर्थिक मदद से न केवल स्वयं का मकान निर्मित करने में कामयाब हो पाए हैं बल्कि प्रतिमाह मिलने वाले 4 हजार रुपये जेब खर्च से वह अपना जीवन-यापन भी बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं।
आत्मविश्वास से लबरेज 25 वर्षीय अमन शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अढ़ाई वर्ष की आयु में पिता तथा साढ़े तीन वर्ष की आयु में माता का साथ छूट गया। दादा-दादी तथा चाचा ने पालन पोषण किया। दसवीं तक की शिक्षा हासिल करने के उपरांत छोटा-मोटा रोजगार की तलाश में वह लगातार प्रयासरत रहे। उन्होंने स्वयं के भरण-पोषण के लिए कई जगह कार्य किया तथा अंत में उन्होंने पारिवारिक सदस्यों के सहयोग से स्वयं की टैक्सी पा ली। वर्तमान में वह झंडुता में टैक्सी चलाकर भरण-पोषण कर रहे हैं।
अमन शर्मा कहते हैं कि वह 25 वर्ष के हो गए लेकिन आज तक मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को छोड़कर उन्हें किसी भी अन्य सरकारी योजना में लाभ नहीं मिला है। उनके पिता द्वारा निर्मित मकान इतनी जर्जर हालत में है कि उसमें एक दिन भी रहना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में उसे चाचा या फिर नानी के घर ही निवास करना पड़ रहा है। अमन शर्मा कहते हैं कि जब भी सरकारी योजनाओं की मदद की मांग की तो उन्हें हमेशा अनाथालय छोड़ने का ही दबाव बनाया गया। लेकिन गरीबी के वाबजूद न केवल दादी व चाचा ने उनका पालन-पोषण किया बल्कि आज वह कड़ी मेहनत से स्वयं को अपने पांव में खड़ा कर पाए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कोटी-कोटी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह न केवल उनके जैसे हजारों बच्चों और युवाओं के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए हैं बल्कि ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा प्रदान कर उन्हें समाज में पूरा मान-सम्मान भी प्रदान किया है। मुख्यमंत्री की बदौलत आज न केवल उनका अपना मकान बनकर तैयार हो गया है बल्कि प्रतिमाह दी जा रही आर्थिक मदद भी जीवन में आगे बढ़ने का हौंसला दे रही है। उन्होंने बताया कि तीन किस्तों में अब तक उन्हें अढ़ाई लाख रूपये प्राप्त हो चुके हैं तथा अंतिम किस्त के तौर पर शेष 50 हजार रूपये आने बाकी हैं।  
क्या कहते हैं अधिकारी:
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा का कहना है कि जिला बिलासपुर में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कुल 166 पात्रों को लाभान्वित किया जा रहा है। जिनमें से 23   को मकान निर्माण के लिए 3-3 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है जिनमें झंडुता के रोहल गांव निवासी अमन शर्मा भी शामिल हंै। इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा के 19, शादी के 20, वोकेशनल कोर्स के 8, स्टार्टअप के 9 तथा कौशल विकास, कोचिंग एवं भू आवंटन के एक-एक मामले में पात्रों को लाभान्वित किया है।
उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना को संबंधित विभाग के माध्यम से धरातल पर क्रियान्वित कर जिला के ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ को लाभान्वित किया जा रहा हैं। जिसमें मकान निर्माण को आर्थिक मदद, कारोबार शुरू करने को स्टार्टअप के तहत आर्थिक सहायता, शादी होने पर दी जाने वाली आर्थिक मदद, शिक्षा सहायता इत्यादि शामिल है। इसके अतिरिक्त जिला के विभिन्न बाल आश्रमों में रह रहे बच्चों को एक्सपोजर विजिट के साथ-साथ अन्य लाभ भी प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला में सभी सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को पूरी गंभीरता के साथ लागू किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। DOP 22/12/2025
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शंकर सिंह व रमेश कुमार को सरकार की ई-टैक्सी योजना से मिला रोजगार

 प्रदेश सरकार की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना बन रही युवाओं की मददगार

जिला बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल के गांव सवारा निवासी 45 वर्षीय शंकर सिंह तथा जिला हमीरपुर के भोरंज उपमंडल के लठवाण निवासी 50 वर्षीय रमेश कुमार के लिए प्रदेश सरकार की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना (ई-टैक्सी) रोजगार उपलब्ध करवाने में मददगार साबित हुई है।
शंकर सिंह तथा रमेश कुमार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदकर प्रदेश सरकार के माध्यम से सरकारी विभागों में तैनात किया है। शंकर सिंह का वाहन उपायुक्त के सहायक आयुक्त के साथ जबकि रमेश कुमार का वाहन बी.डी.ओ. सदर बिलासपुर के साथ तैनात किया गया है। इन दोनों वाहनों पर प्रदेश सरकार 18 प्रतिशत जीएसटी सहित कुल 59 हजार रुपये प्रतिमाह उपलब्ध करवा रही है। इससे न केवल दोनों लाभार्थियों की वाहन किस्त आसानी से निकल रही है, बल्कि 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की अतिरिक्त बचत भी हो रही है।
जब लाभार्थी शंकर सिंह से बातचीत की तो उनका कहना है कि वह पिछले लगभग 20 वर्षों से टैक्सी चलाने का कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 102 एंबुलेंस सेवा में भी कुछ वर्षों तक कार्य किया। लेकिन जब वर्ष 2023 में उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से प्रदेश सरकार की ई-टैक्सी योजना का पता चला तो उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने वर्ष 2025 में 15 लाख रुपये की लागत से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा तथा प्रदेश सरकार ने जुलाई, 2025 से इसे सरकारी विभाग के साथ अटैच कर दिया है।
इसी तरह लाभार्थी रमेश कुमार का भी कहना है कि उन्हें भी दिसम्बर, 2023 में प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना की जानकारी मिली तथा लोकमित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत कर दिया। उन्होंने भी वर्ष 2025 में नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा तथा प्रदेश सरकार ने जुलाई, 2025 से इसे सरकारी विभाग में लगा दिया है। उनका कहना है कि इससे पहले वह टैक्सी चलाते थे, लेकिन स्थाई आय का कोई साधन नहीं था। लेकिन अब उन्हें प्रतिमाह 15 से 20 हजार रूपये की आय हो रही है तथा वह गाड़ी की किस्त भी आसानी से निकाल पा रहे हैं।
दोनो लाभार्थियों ने 15-15 लाख रुपये का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा है जिस पर प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत उपदान मुहैया करवाया है। उनका कहना है कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार की यह योजना न केवल लाभकारी सिद्ध हो रही है बल्कि उन्हें अगले पांच वर्षों तक स्थाई रोजगार भी सुनिश्चित हुआ है।
शंकर सिंह तथा रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की यह योजना बेरोजगार युवाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर है। प्रदेश में पहली बार कोई ऐसी योजना आई है जिसमें निजी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर 50 प्रतिशत उपदान और सरकारी विभागों में वाहन अटैच कर रोजगार की गारंटी भी उपलब्ध करवाई जा रही है।
दोनों लाभार्थियों ने प्रदेश के युवाओं से सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया है ताकि न केवल उन्हें सरकार आर्थिक मदद प्रदान करेगी बल्कि सरकारी विभागों के माध्यम से रोजगार की गारंटी भी मिलेगी।
क्या कहते हैं अधिकारी:
जिला रोजगार अधिकारी बिलासपुर राजेश मैहता का कहना है कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्र्टाटअप योजना के अंतर्गत जिला बिलासपुर में अब तक 16 लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान कर लगभग एक करोड़ 16 लाख 44 हजार 900 रूपये की आर्थिक मदद दी है। साथ ही सभी 16 लाभार्थियों की ई-टैक्सी को प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में अटैच कर उन्हें रोजगार भी मुहैया करवाया है।
उपायुक्त बिलासपुर, राहुल कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी एवं रोजगारोन्मुखी योजनाओं को विभागों के माध्यम से पूरी गंभीरता के साथ लागू किया जा रहा है ताकि अधिकतम पात्र व्यक्तियों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं को समयबद्ध धरातल पर उतारकर पात्र लोगों तक पहुंचाना और उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है। DOP 08/12/2025
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