Thursday, 5 September 2024

हिमाचल प्रदेश के प्रथम वेटरन जर्नलिस्ट हैं जोगिन्दर नगर वासी रमेश बंटा

 पत्रकारिता के क्षेत्र में तय किये हैं 50 वर्ष, देखे हैं हिमाचल प्रदेश के कई उतार चढ़ाव

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के जोगिन्दर नगर निवासी 82 वर्षीय रमेश बंटा हिमाचल प्रदेश के पहले वेटरन जर्नलिस्ट हैं, जिन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में 50 वर्ष का लंबा सफर तय किया है। रमेश बंटा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उस दौर में कार्य किया है जब समाचारों को प्रेषण करने की केवल नाम मात्र सुविधाएं हुआ करती थीं। बावजूद इसके रमेश बंटा ने न केवल जनहित से जुड़े कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाया बल्कि संबंधित सरकारों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समाज हित में कई अहम फैसले लेते हुए महत्वपूर्ण कदम भी उठाए।

रमेश बंटा का जन्म 6 अगस्त, 1942 को जोगिन्दर नगर कस्बे से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव हरा बाग में हुआ। इसके बाद इनका परिवार जोगिन्दर नगर आ गया तथा यहीं पर वर्तमान में इनका कारोबार भी है। रमेश बंटा वर्ष 1963-64 में उस वक्त पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ गए जब वे कॉलेज की शिक्षा ग्रहण करने डीएवी जालंधर गए थे। इस दौरान वे जालंधर में पंजाब केसरी समाचार पत्र से जुड़े कई लोगों के संपर्क में आए तथा 13 जून, 1965 को पंजाब केसरी के पहले प्रकाशन में भी शामिल रहे। इसके उपरांत वे पंजाब केसरी समाचार पत्र से जुड़ गए तथा वर्तमान समय तक वे पंजाब केसरी समाचार पत्र से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा उन्होंने वीर प्रताप, हिंदी मिलाप जैसे समाचार पत्रों के लिए भी समय-समय पर लेखन करते रहे। उन्होंने शिमला से निकलने वाले समाचार पत्र हिमालय टाईम्स के साथ भी कार्य किया। पत्रकारिता क्षेत्र में 50 वर्ष का सफर पूरा कर चुके रमेश बंटा हिमाचल प्रदेश के प्रथम वेटरन जर्नलिस्ट भी हैं तथा वर्ष 2012 में यह दर्जा प्रदान किया है। इसके अलावा वे पंजाब केसरी समाचार पत्र के वर्ष 1965 से सरकारी मान्यता प्राप्त पत्रकार भी हैं।

रमेश बंटा ने प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ.वाई.एस. परमार के साथ प्रदेश का भ्रमण भी किया तथा पत्र-पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में प्रदेश के विकास, सांस्कृतिक पहचान तथा विभिन्न राजनैतिक पहलुओं पर विस्तृत लेख भी लिखे। रमेश बंटा वर्ष 1991 से 1993 तक हिमाचल सरकार प्रेस एक्रीडेशन कमेटी के गैर सरकारी सदस्य भी रहे। उन्हें समय-समय पर विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया गया। जिसमें वर्ष 1986 में ऊना की हिमोत्कर्ष संस्था द्वारा 'हिमाचल श्री पुरस्कार', वर्ष 1999 में महामहिम दलाई लामा द्वारा 'कलम के सिपाही' पत्रकारिता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा पानीपत की संस्था जैमिनी अकादमी द्वारा इन्हें आचार्य की मानद उपाधि तथा शताब्दी रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। धर्मशाला के हिमाचल केसरी संस्थान द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए हिमाचल केसरी सम्मान से भी सम्मानित किया है।
रमेश बंटा को वर्ष 2015 में पंजाब केसरी समाचार पत्र समूह द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में 50 वर्ष का योगदान प्रदान करने के लिये भी इन्हे सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा विकासात्मक पत्रकारिता के लिए भी इन्हे जिला स्तर पर सरकार की ओर से सम्मानित किया जा चुका है। रमेश बंटा लगभग 18 वर्षों तक प्रेस क्लब जोगिन्दर नगर के प्रधान भी रहे हैं।
जब देव भूमि हिमाचल में अकाल,जनता दाने-दाने को मोहताज खबर से मचा था हडकंप
रमेश बंटा कहते हैं कि वर्ष 1964 में जब उन्होंने मंडी जिला की चौहार घाटी में राशन की कमी होने को लेकर देव भूमि हिमाचल में अकाल, जनता दाने-दाने को मोहताज शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया तो न केवल प्रदेश सरकार हरकत में आई बल्कि पूरा प्रशासनिक अमला भी वास्तविकता को जानते हुए धरातल में कार्य करने को उतर आया था। इसी तरह समाज व जनहित से जुड़े कई समाचारों का वे समय-समय पर प्रकाशन करते रहे।
'हिमाचल पुलिस में एक भयानक तूफान आने की संभावना' खबर के बाद बदल गई थी पुलिस की वर्दी

रमेश बंटा कहते हैं कि 30 नवम्बर, 1977 को उन्होंने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली एवं वर्दी को लेकर शीर्षक हिमाचल पुलिस में एक भयानक तूफान आने की संभावना से खबर प्रकाशित की। इस खबर प्रकाशन के बाद न केवल पुलिस विभाग के आलाधिकारी सकते में पड़ गए थे बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार ने खबर का कड़ा संज्ञान लेते हुए हिमाचल प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली ही नहीं बल्कि वर्दी को ही बदल दिया था।

आपराधिक समाचारों को भी पूरी तहकीकात के बाद ही बेहतरीन तरीके से करते थे कवर
रमेश बंटा विभिन्न आपराधिक घटनाओं से जुड़े समाचारों को पूरी तहकीकात करने के उपरान्त ही अपने ही अंदाज में कवर करते थे। ऐसा ही एक समाचार उन्होंने 19 अप्रैल, 1981 को मंडी में हुई चोरी की घटना को लेकर प्रकाशित किया। मामला मंडी में 2 लाख 70 हजार रुपये मूल्य के आभूषणों से जुड़ी चोरी का था। इस समाचार संकलन में पत्रकार की गहराई का इसी बात से पता चलता है कि इसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि सेल्फ खोलकर तोड़ा गया या तोड़ कर खोला गया, रहस्मय मोटर साइकिल किसका था। साथ इस समाचार को पूरी तहकीकात करने के उपरान्त इसका प्रकाशन करना उनकी पूरी घटना से जुड़ी तथ्यपरक जानकारी की पकड़ को दिखाता है।
रमेश बंटा ने हिमाचल प्रदेश गठन से लेकर वर्तमान समय तक यहां की विकासात्मक कहानियों को भी खूब प्रसारित किया। साथ ही प्रदेश की लोक कला, संस्कृति, इतिहास एवं साहित्यिक दृष्टि पर भी खूब लिखा। उन्होंने समय-समय पर हिमाचल की राजनीतिक घटनाओं पर भी बारीकी से नजर रखते हुए विश्लेषणात्मक लेख व समाचारों का भी प्रकाशन किया।
जरूरतमंदों की हमेशा करते रहे हैं मदद, घर में स्थापित कर रखी है लाइब्रेरी
रमेश बंटा जीवन के शुरूआती दौर से ही जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद को हाथ बढ़ाते रहे हैं। उनकी मदद से न केवल एक व्यक्ति ने एमबीबीएस की पढ़ाई को पूरा किया बल्कि वे सीएमओ के पद से भी सेवानिवृत हुए हैं। उसी तरह एक अन्य व्यक्ति उनके सहयोग से आज न केवल जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है बल्कि वे वर्तमान में हिमाचल कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी है। इस तरह ऐसे अनेक लोग हैं जिनकी उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने में कहीं न कहीं मदद जरूर की है।
उन्होंने घर में एक खूबसूरत लाइब्रेरी भी स्थापित कर रखी है जिसमें कई महत्वपूर्ण पुस्तकें उपलब्ध हैं।
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