Friday, 17 November 2023

मझारनु के डुमणु राम के लिए कृषि व बागवानी बना है रोजगार का जरिया

 73 वर्ष की आयु में भी खेती बाड़ी से कमा रहे हैं आजीविका ,जोगिन्दर नगर बाजार में आकर बेचते हैं उत्पाद

जोगिंदर नगर उपमंडल की ग्राम पंचायत नेर घरवासड़ा के गांव मझारनु निवासी 73 वर्षीय डुमणु राम के लिए कृषि व बागवानी रोजगार का जरिया बना हुआ है। डुमणु राम प्रतिदिन अपने खेतों व पुश्तैनी जमीन से तैयार विभिन्न तरह के कृषि व बागवानी उत्पादों को प्रतिदिन जोगिंदर नगर बाजार में लाकर बेचते हैं, इससे उन्हें प्रतिदिन आजीविका चलाने योग्य आय अर्जित हो जाती है।
जब इस संबंध में डुमणु राम से बातचीत की तो उनका कहना है कि जीवन के शुरूआती दौर से ही वे देश व प्रदेश के बाहर विभिन्न स्थानों पर रेहड़ी-फड़ी लगाकर फल इत्यादि बेचकर अपनी आजीविका कमाते आ रहे थे। इस बीच उम्र बढ़ने के साथ-साथ पारिवारिक दायित्वों को निभाने के चलते वे वापिस घर आए तथा पुश्तैनी जमीन में कृषि व बागवानी करना शुरू कर दिया। जंगली जानवरों के आतंक के चलते शुरूआती दौर में उन्हे कृषि व बागवानी घाटे का सौदा साबित होने लगी। फिर वर्ष 2018-19 में कृषि विभाग के माध्यम से मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना की जानकारी मिली तथा लगभग पांच-छह बीघा जमीन में सोलर युक्त बाड़बंदी को लगाया। बाड़बंदी होने से उन्हे जंगली जानवरों से काफी राहत मिली, लेकिन पिछले दो वर्षों से उनकी सोलर युक्त बाड़बंदी ठीक से काम नहीं कर रही है। ऐसे में वर्तमान में भले ही सोलर युक्त बाड़बंदी का उन्हे बेहतर लाभ नहीं मिल रहा है, बावजूद इसके वे लगातार कृषि व बागवानी कर रहे हैं।
डुमणु राम का कहना है कि वर्तमान में उन्होंने अमरूद, प्लम, जापानी फल, अनार, आड़ू, नाख, नाशपती, गलगल, नींबू, जामुन इत्यादि फलदार पौधों को लगाया है। इसके साथ-साथ वे साग, घीया, कद्दू, करेले इत्यादि सब्जियों का भी उत्पादन करते हैं। उनका कहना है कि जब-जब ये फल व सब्जियां पककर तैयार होती हैं तो वे इन्हें जोगिंदर नगर बाजार में आकर स्वयं बेचते हैं। जिससे उन्हे रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने योग्य आय हो जाती है। साथ ही लोगों को भी प्राकृतिक तौर पर शुद्ध व कम दाम में गुणवत्ता युक्त फल व सब्जियां मिल जाती हैं। इस तरह डुमणु राम के लिए आज भी कृषि व बागवानी आय का एक महत्वपूर्ण जरिया बना हुआ है।
डुमणु राम का कहना है कि आज के दौर में जहां अधिकतर किसान बंदरों एवं अन्य जंगली जानवरों के आतंक का बहाना बनाकर कृषि व बागवानी को छोड़ रहे हैं तो वहीं आजीविका कमाने के लिए औद्योगिक कस्बों व शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं जो अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कृषि व बागवानी से दूर होते किसानों विशेषकर युवाओं से आह्वान किया है कि वे न केवल अपने खेतों से जुड़ें बल्कि कृषि व बागवानी के माध्यम से भी आजीविका कमाने के भरपूर अवसर मौजूद हैं। आजीविका कमाने के लिए 73 वर्ष की आयु में भी मेहनत कर रहे डुमणु राम का कहना है कि व्यक्ति को निरंतर परिश्रम करते रहना चाहिए। इससे न केवल आजीविका चलाने में ही मदद मिलती है बल्कि शारीरिक व मानसिक तौर पर भी व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
विषयवाद विशेषज्ञ (एसएमएस) कृषि पधर पूर्ण चंद ठाकुर का कहना है कि मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत लगाई गई सोलर युक्त बाड़बंदी में यदि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो वे सीधे कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उनका कहना है कि किसानों की ऐसी समस्याओं को न केवल प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा बल्कि बाड़बंदी करने वाली कंपनी के माध्यम से होने वाली तकनीकी खामियों को दुरुस्त करने का भी प्रयास किया जाएगा ताकि किसानों को सोलर युक्त बाड़बंदी का लंबे समय तक लाभ मिल सके।  DOP 20/10/2023




No comments:

Post a Comment