Tuesday, 13 June 2023

नागचला में सच्चे मन से मांगी मन्नत होती है पूरी, 20 भाद्रपद को आयोजित होता है मेला

मंदिर परिसर में मिलता है अलौकिक शांति का अनुभव, आसपास का वातावरण है बेहद खूबसूरत 

मंडी जिला के जोगिंदर नगर उपमंडल के तहत गांव हराबाग में नाग देवता का प्रसिद्ध मंदिर नागचला स्थित है। कहते हैं कि यहां पर सच्चे मन से मांगी गई मन्नत को नाग देवता पूरी करते हैं। इस स्थान पर प्रति वर्ष 20 भाद्रपद को एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

नागचला में प्राकृतिक तौर पर दिव्य पानी बहता है। कहते हैं कि यह पानी छोटा भंगाल घाटी की प्रसिद्ध डहनसर झील से चलकर यहां निकला है। इस पवित्र पानी से स्नान आदि करने के बाद सच्चे मन से मांगी गई मन्नत को नागचला देवता पूरी करते हैं। श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर मंदिर में स्नान आदि कर देवता के दर्शन करते हैं। साथ ही श्रद्धालु नागचला के पानी को बोतल में भरकर घर भी ले जाते हैं। प्रतिवर्ष 20 भाद्रपद को लगने वाले विशेष मेले में श्रद्धालुओं की संख्या देखने योग्य होती है। इस दिन जहां श्रद्धालु मंदिर में नाग देवता के दर्शन करते हैं तो वहीं नागचला के इस दिव्य पानी से स्नान भी करते हैं। दिव्य स्नान के लिए मंदिर परिसर में पुरूषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नानागार की व्यवस्था रहती है।
मन्नत पूरी होने पर वायदा न निभाने पर जब नाग देवता हुए थे नाराज, परिवार को हुआ नुकसान 

मंदिर के पुजारी अर्जुन सिंह बताते हैं कि एक जनश्रुति के अनुसार काफी वर्ष पूर्व एक व्यक्ति ने नागचला से कोई मन्नत मांगी थी तथा मन्नत पूरी होने पर कान की सोने की बाली (मुरकली) चढ़ाने का वायदा किया था। कहते हैं कि मन्नत अनुसार उस व्यक्ति का परिवार काफी खुशहाल व सम्पन्न हो गया। लेकिन बीतते समय के साथ उस व्यक्ति ने नागचला से मांगी गई मन्नत अनुसार अपने वायदे को पूरा करना उचित नहीं समझा। ऐसे में नाग देवता उस व्यक्ति से रुष्ट हो गए तथा उसके साथ अनिष्ट होते चला गया।

इसी तरह एक महिला की कहानी भी बताई जाती है। उस महिला ने भी मांगी गई मन्नत पूरी होने पर नागचला देवता को काजल लगाने का वायदा किया था। कहते हैं कि वह महिला वायदे अनुसार नागदेवता के असली रूप को देखकर घबरा गई तथा नाग देवता को काजल लगाने में असफल रहीं। ऐसे में नाग देवता महिला से नाराज हुए तथा उसके साथ भी अनिष्ट हुआ।

अर्जुन सिंह बताते हैं कि आज भी लोग सच्चे मन से नागचला देवता से मन्नतें मांगते हैं तथा नागचला देवता उन्हे पूरा भी करते हैं। नागचला देवता के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है तथा प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु नागचला के दर्शनार्थ मंदिर परिसर में पहुंचते हैं।

मंदिर परिसर में होता है अलौकिक शांति का अनुभव, आसपास का वातावरण है बेहद खूबसूरत 

नागचला मंदिर परिसर में पहुंचने पर अलौकिक शांति का अनुभव होता है। मंदिर परिसर के आसपास का दृश्य प्राकृतिक तौर पर बेहद खूबसूरत है। मंदिर परिसर के आसपास घने पेड़ों की मौजूदगी यहां की खूबसूरती ज्यादा आकर्षक एवं आंखों को सुकून प्रदान करने वाला दृश्य बनाती है।  

कैसे पहुंचे मंदिर: 

जोगिन्दर नगर-मंडी राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर जोगिन्दर नगर कस्बे से मंडी की ओर महज 3 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत हारगुणैन के गांव हराबाग में यह पवित्र स्थान मौजूद है। मुख्य सडक़ से मंदिर की दूरी लगभग आधा किलोमीटर है तथा मंदिर परिसर पक्की सडक़ से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु वाहन के माध्यम से भी आसानी से मंदिर परिसर में पहुंचकर नागचला देवता के दर्शन कर सकते हैं।






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