Friday, 12 March 2021

अवैज्ञानिक दोहन के कारण खतरे में है पौष्टिक तत्वों से भरपूर जंगली कंद 'तरड़ी'

 शिवरात्रि व होली पर्व में घरों में बड़े चाव के साथ पकाई जाती है तरड़ी की सब्जी

शिवरात्रि तथा होली पर्व के दौरान हमारे घरों में बड़े चाव के साथ परोसी जाने वाली जंगली कंद तरड़ी की महक बीते वक्त के साथ लगातार कम होती जा रही है। हमारे ग्रामीण परिवेश में रंगो के त्यौहार होली पर्व के वक्त लोग घर में आने वाले मेहमानों को देसी पकवानों के साथ तरड़ी की सब्जी को आमतौर पर परोसते हैं। लेकिन अवैज्ञानिक व अंधाधुंध दोहन के चलते अब पोष्टिक तत्वों से भरपूर यह जंगली कंदमूल तरड़ी लगातार हमारे भोजन से गायब होती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में तरड़ी की सब्जी आम मिल जाती थी। बाजार में भी तरड़ी की महक देखने को मिलती थी, लेकिन अब बाजार में भी तरड़ी की आवक में कमी देखी जा रही है। ऐसे में प्राकृतिक तौर पर पाई जाने वाले इस जंगली कंद को न केवल व्यावसायिक तौर पर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता महसूस हो रही है बल्कि इसके अवैज्ञानिक दोहन को लेकर भी जन जागरूकता लाने की जरूरत लग रही है।
तरड़ी नामक यह कंद खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ अति बलवर्धक व सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। तरड़ी में बहुत ज्यादा मात्रा में जरूरी तत्वों के अलावा बिटामिन बी ग्रुप व फोस्फेट्स, कैल्शियम, जिंक, आयरन व क्रोमियम पाया जाता है। यह प्राकृतिक तौर पर पैदा होने वाला कंद तरड़ी नामक आहार मनुष्य के शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। यह कंद पूरी तरह से जैविक होने के कारण बाजार में इसकी खासी मांग रहती है तथा दाम भी अच्छे मिल जाते हैं। वर्तमान में इसकी बाजार में औसत कीमत 150 से 200 रूपये प्रति किलो है।
तरड़ी नामक कंद मूल रूप से जंगल में प्राकृतिक तौर पर पैदा होता है। इसके पौधे बेलनुमा होते हैं तथा इस बेल के नीचे कंद के रूप में तरड़ी नामक कंद पाया जाता है। जिसे सब्जी या चाट बनाकर खाया जा सकता है। तरड़ी के बीज बेल पर ही लग कर बेल सूखने पर नीचे गिर जाते हैं। लेकिन इस जंगली कंद को किसान व्यावसायिक दृष्टि से तैयार करें तो उनके लिए आमदनी का एक अच्छा जरिया हो सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र उत्तर भारत, जोगिन्दर नगर डॉ. अरूण चंदन का कहना है कि जंगली कंद तरड़ी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। तरड़ी के औषधीय गुणों के कारण इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है। किसान तरड़ी को अपनी बेकार पड़ी जमीन या खेतों की मेड़ों में तैयार कर सकते हैं। तरड़ी नामक कंद हिमाचल प्रदेश सहित मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर इत्यादि राज्यों में भी पाया जाता है। दक्षिण भारत में यह बहुतायत में पाया जाता है लोग इसे खूब पसंद करते हैं।
उनका कहना है कि प्रदेश के किसान तरड़ी को व्यासायिक खेती के तौर पर अपनाते हैं तो यह उनकी आर्थिकी को आश्चर्यजनक रूप से मजबूती प्रदान कर सकता है। सबसे अहम बात यह है कि जंगली जानवर भी इसे नुक्सान नहीं पहुंचा पाते हैं।



Wednesday, 3 March 2021

कोरोना महामारी के कठिन दौर में पीएम स्वनिधि बनी रेहड़ी-फहड़ी विक्रेताओं का सहारा

जोगिन्दर नगर में पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के तहत 41 स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित

जोगिन्दर नगर शहरी क्षेत्र में प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत 41 रेहड़ी-फहड़ी विक्रेताओं को लाभान्वित किया गया है। पीएम स्वनिधि के अंतर्गत इन लाभान्वित रेहड़ी-फहड़ी विक्रेताओं को आजीविका व रोजगार को पुन: पटरी पर लाने के लिए विभिन्न बैंकों के माध्यम से सरकार ने 10 हजार रूपये का लघु ब्याज सब्सिडी आधारित ऋण आवंटित किया है।

पीएम स्वनिधि के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाले जोगिन्दर नगर शहर के रेहड़ी-फहड़ी विक्रेता साधु राम का कहना है कि वे जोगिन्दर नगर शहर के पुलिस थाना चौक में पिछले लगभग 13 वर्षों से फल व सब्जी की दुकान लगाते हैं जिसके माध्यम से उनका व परिवार का भरण पोषण होता है। उन्होने बताया कि पिछले वर्ष मार्च में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से उनका यह रोजगार काफी प्रभावित हुआ। लेकिन इस बीच उन्हे पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि बारे स्थानीय नगर परिषद के माध्यम से पता चला तथा उन्होने स्वयं को पीएम स्वनिधि के तहत पंजीकृत करवा लिया। उन्होने बताया कि पीएम स्वनिधि के तहत उन्हे 10 हजार रूपये का ऋण सस्ती व आसान दरों में कोरोबार को पुन: स्थापित करने को प्राप्त हुआ है। इसके लिए वे सरकार विशेषकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।

इसी तरह जोगिन्दर नगर शहर में ही बस स्टैंड के पास रेहड़ी लगाने वाले गोपाल सिंह, पुलिस थाना चौक में चाय की दुकान चलाने वाले धनी राम, रेलवे स्टेशन के पास चाट, बर्गर इत्यादि की रेहड़ी लगाने वाले राम भरोसे ने भी पीएम स्वनिधि के तहत 10 हजार रूपये का ऋण आसान दरों में उपलब्ध करवाने के लिए सरकार का आभार जताया है। इनका कहना है कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में पीएम स्वनिधि उनके रोजगार को पुन: पटरी पर लाने में बड़ी सहायक सिद्ध हुई है तथा वे इस छोटी सी लेकिन बड़ी अहम रकम से वे अपने स्वरोजगार को आगे बढ़ाने में पुन: कामयाब हुए हैं। इसके लिए वे सरकार का धन्यवाद करते हैं।
क्या है प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते लगे लॉकडाउन से शहरी क्षेत्रों में प्रभावित हुए रेहड़ी फहड़ी विक्रेताओं की आजीविका को पुन: शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की शुरूआत की है। इसके माध्यम से शहरी क्षेत्रों के प्रभावित रेहड़ी-फहड़ी विक्रेताओं की आजीविका व रोजगार को पुन: पटरी पर लाने के लिए 10 हजार रूपये के एक लघु ब्याज सब्सिडी आधारित ऋण उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। यह स्कीम 24 मार्च, 2020 को या इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेंडिग कर रहे सभी पथ विक्रेताओं के लिए उपलब्ध है, लेकिन पथ विक्रेता के पास स्थानीय शहरी निकाय द्वारा जारी पहचान पत्र होना या फिर सर्वेक्षण के दौरान उसे चिन्हित किया गया हो।
12 आसान किस्तों में मिलेगा 10 हजार का ऋण, ब्याज पर मिलेगी 7 प्रतिशत सब्सिड़ी
पीएम स्वनिधि योजना के तहत पथ विक्रेताओं को 12 आसान किस्तों में 10 हजार रूपये का ऋण अपनी विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए दिया जा रहा है। जिसमें 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी भी उपलब्ध है। इस योजना के तहत ऋण वापिसी की मासिक किस्त 746 रूपये से लेकर 927 रूपये तक रहेगी। साथ ही औसतन एक सौ रूपये प्रतिमाह कैशबैक प्रोत्साहन की सुविधा भी उपलब्ध है। इस 10 हजार रूपये के ऋण प्राप्ति के लिए कोई कोलेट्रल गारंटी नहीं रखी गई है। सबसे अहम बात यह है कि समय पर या जल्द ऋण वापसी करने वाले पथ विके्रता अगले ऋण के लिए भी पात्र होंगे। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत यदि पथ विक्रेता डिजिटल के माध्यम से लेन-देन करता है तो उसे प्रतिमाह ऋण वापिसी पर 50 रूपये कैशबैक की सुविधा भी दी गई है। सरकार इस योजना के माध्यम से 10 हजार रूपये के ऋण पर लाभार्थी को 1348 रूपये की ऋण सब्सिडी भी उपलब्ध करवा रही है जो अधिकत्तम 1600 रूपये तक हो सकती है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
नगर परिषद जोगिन्दर नगर के कार्यकारी अधिकारी एवं उपमंडलाधिकारी (नागरिक) अमित मैहरा ने योजना की पुष्टि करते हुए कहा कि जोगिन्दर नगर शहरी निकाय क्षेत्र में प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत कुल 41 रेहड़ी-फहड़ी विक्रेता पंजीकृत हैं। जिनमें से 37 लाभार्थियों को 10-10 हजार रूपये का ऋण उपलब्ध करवाया जा चुका है, जबकि शेष बचे 4 लाभार्थियों को भी आवश्यक कागजात पूर्ण होने पर उन्हे भी जल्द लाभान्वित कर दिया जाएगा। इस तरह 37 लाभार्थियों को 3 लाख 70 हजार रूपये का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया है।