Sunday, 2 June 2019

(व्यंग्य) आम आदमी भी बधाई देना चाहता है सरकार

यदि नई नवेली सरकार को बधाईयां देने वालों का तांता खत्म हो चुका हो। चाटुकार, मौकापरस्त, चालाक, चापलूस व आवभगत में हमेशा नम्बर वन रहने वालों ने अपनी-2 गोटियां फिट कर ली हों। सोशल मीडिया में ढूंढ़-2 कर फोटो अपलोड कर नेताओं के खासमखास होने का दावा करने वालों की लाईन खम्म हो चुकी हो, तो ऐसे में हजूर देश का आम आदमी व समाज की अंतिम पंक्ति में रहकर सरकार निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाला आम व गरीब आदमी भी 135 करोड़ भारतवासियों की नई मोदी सरकार को बधाई देना चाहता है। सरकार, आव भगत के लिए मेरे पास न तो बड़े-बड़े फूलों के हार व गुलदस्ते हैं, न ही राजनैतिक व सत्ता के गलियारों में मेरी पहुंच। लेकिन दिल में बधाई देने की उमंग रह-रह कर बाहर फूट रही है। दिल को बार-बार समझाने पर भी यह कमबख्त समझ नहीं रहा है, बस एक ही रट्ट लगाए बैठा है, भई मैं कहने को आम व गरीब जरूर हूं लेकिन मैं भी नई सरकार को बधाई देने में पीछे क्यों रहूं? मैं भी इसी देश का उतना ही महत्वपूर्ण नागरिक हूं, जितने ये मलाईचाट, चाटुकार, मौकापरस्त व चापलूस लोग। बस इसी धुन में सवार होकर आज आम आदमी भी मोदी सरकार को बधाई देने के लिए लालायित हो उठा है। हजूर, अब आप इसे मोदी जी का करिश्मा कहें या फिर उनकी कार्यशैली आखिर मैं भी आज बधाई देने वालों में शामिल होना चाहता हूं। 
वास्तव में यह हमारे देश का वह अहम व महत्वपूर्ण वर्ग है जो बड़ी उम्मीदों भरी निगहों से दूर कोने में बैठकर अपने जीवन की बेहतरी की आस सीने में हमेशा जगाए रहता है। यह वह आम व्यक्ति है जो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा की आस बंधाता है, सरकारी अस्पतालों की लंबी व कभी खत्म न होने वाली कतारों में खड़ा होकर बेहतर ईलाज की चाहत में जीवन की अंतिम सांसे गंवा बैठता है। रहने के लिए अदद एक कमरे की तलाश में घास-फूस के बार-बार जलते व बनते आशियाने में जीवन त्याग देता है। दो वक्त की रोटी के लिए दिन-रात पसीना बहाता है, देश-प्रदेश भटकता है। यह वह आम व्यक्ति है जिसकी पहुंच राजनेताओं व सरकार की चौखट तक संभव नहीं हो पाती है।
बस इसी आस के साथ आज नई नवेली सरकार को बधाई देना चाहता है कि अब शुरूआत बड़े-बड़े लोगों से नहीं बल्कि सुदूर किसी अंचल के कोने में बैठे मेरे जैसे गरीब आदमी के दु:ख , दर्द व तकलीफ देखकर होगी। माई बाप आप मेरे इसी दु:ख व दर्द को ध्यान में रखकर नीतियां व योजनाओं का न केवल खाका तैयार करेंगे बल्कि मेरे जैसे करोड़ों गरीब व आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित भी होगी।
अरे भई! इस बात में कोई संदेह ही नहीं है कि जिस प्रचंड बहुमत व समर्थन से देश में पुन: मोदी जी आए हैं निश्चित तौर पर मेरे जैसे करोड़ों गरीब व आम भारतीयों के उत्थान व कल्याण में दो कदम आगे बढ़ते हुए कोई कोर कसर भी तो नहीं छोडऩे वाले हैं। बस फिर क्या था? इसी उम्मीद, नए जोश व उमंग तथा रोशनी के साथ दूर कोने में टुकर-टुकर सी नजर गड़ाए बैठे गरीब व आम आदमी ने भी इस नए उल्लास के साथ बधाई दे ड़ाली है कि पुन: एक बार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व उनकी पूरी टीम उनके जैसे करोड़ों लोगों के सपनों को साकार करने में नए मील के पत्थर रखेगी। 
जय हिंद। वंदे मातरम्।
(मौलिक लेखन चुराईटर सावधान रहें अन्यथा कानूनी कार्रवाई हो सकती है)

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