Wednesday, 24 April 2019

युवा वोटरों के लिए रोल मॉडल बनेंगे शतायु मतदाता


चिंतपूर्णी विस क्षेत्र में 100 साल से अधिक के 20 वोटर
 ''जब वोट देने का अधिकार है तो सरकार बनाने में भागीदार तो ज़रूर बनूंगा।'' चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धुसाड़ा गांव के 105 वर्षीय मतदाता धनी राम बड़े ही गर्व के साथ यह बात कहते हैं। शतायु धनी राम बताते हैं कि वह पहले चुनाव से ही वोट डालते आ रहे हैं, जब से देश आज़ाद हुआ और मत डालने का अधिकार मिला, तब से ही वह हर चुनाव में वोट डालते आ रहे हैं।
टकारला की रहने वाली 108 वर्षीय ब्रह्मी देवी भी युवा मतदाताओं से अपना वोट डालने की अपील कर रही हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पहले के चुनावों में भी कई बार मताधिकार का प्रयोग किया है और इस बार भी वह अवश्य वोट डालने जाएंगी। हालांकि अब उनका स्वास्थ्य उतना अच्छा नहीं रहता। चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के ही अंतर्गत आने वाले नंदग्राम के 109 वर्षीय लीखू राम ने भी मताधिकार के लिए कमर कस ली है। उनका कहना है कि 19 मई को इस बार लोकसभा के लिए वोट डाले जाएंगे और वह अपना वोट डालने हर हाल में जाएंगे। यही नहीं लीखू राम कहते हैं कि वह अपने परिवार को भी मतदान के लिए साथ लेकर जाएंगे।
चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 20 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी आयु एक सौ वर्ष या उससे अधिक है। ऐसे में चुनाव आयोग सभी शतायु मतदाताओं को रोल मॉडल बनाने की तैयारी कर रहा है। ताकि इस बार चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके। इन बुजुर्ग वोटरों का जोश देखकर युवा मतदाता भी लोकतंत्र के इस महायज्ञ में अपनी-अपनी आहुति डालने के लिए मतदान केंद्र पर ज़रूर आएं।
शतायु मतदाताओं के बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त ऊना राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि ऐसे सभी मतदाताओं को निर्वाचन विभाग की ओर से मतदान का निमंत्रण दिया जाएगा और इसके लिए बाकायदा कार्ड छापे जा रहे हैं। निर्वाचन विभाग के कर्मचारी स्वयं जाकर उन्हें निमंत्रण पत्र देंगे, ताकि वह लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित बना सकें।
उपायुक्त ने कहा कि कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जो ज्यादा उम्र और कमजोरी की वजह से मतदान करने से गुरेज कर रहे हैं, लेकिन फिर भी निर्वाचन विभाग की कोशिश है कि उन्हें इस बार मतदान के लिए पोलिंग बूथ तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए पूरे जिला में विशेष अभियान छेड़ा गया है, ऐसे में बुजुर्ग मतदाता बाकी सब के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकते हैं। 
साथ ही उन्होंने कहा कि शतायु मतदाताओं को अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी हो तो, वह तहसीलदार (निर्वाचन) या फिर टोल फ्री नंबर 1950 संपर्क कर सकते हैं। उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। 

Wednesday, 10 April 2019

युवा मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल

आईपीएस शालिनी अग्रिहोत्री, कॉमेडियन प्रिंस गर्ग व कबड्डी खिलाडी अजय ठाकुर के संदशों को लोग कर रहे पसंद
जिला ऊना में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को मतदान के प्रति प्रेरित करने व मतदान केंद्र तक लाने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जिला ऊना आगामी 19 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान करने में भी पीछे न रहे। एक तरफ जहां मतदाता जागरूकता के लिए सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता (स्वीप) कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता जागरूकता से जुड़े अनेेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं तो वहीं परंपरागत प्रचार-प्रसार माध्यमों का भी व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी कड़ी में 21वीं सदी में इंटरनेट व मोबाइल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के कारण आज सोशल मीडिया भी प्रचार-प्रसार का एक सशक्त माध्यम बन गया है। लोकसभा चुनाव की दृष्टि से जिला ऊना में मतदाता जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का भी व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके न केवल सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं बल्कि नए एवं युवा मतदाताओं द्वारा इसे पसंद भी किया जा रहा है। 
इस बारे जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त ऊना राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि प्रदेश में 19 मई को निर्धारित लोकसभा चुनाव के दौरान जिला ऊना के अधिक से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने तथा मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए परंपरागत प्रचार माध्यमों के अतिरिक्त सोशल मीडिया का भी व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होने कहा कि मतदाता जागरूकता की दृष्टि से जिला की आईपीएस बेटी एवं वर्तमान में कुल्लू की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्रिहोत्री, कॉमेडियन प्रिंस गर्ग तथा अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पदमश्री अजय ठाकुर की मतदाताओं के नाम अपील को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि जिला निर्वाचन कार्यालय ऊना के फेसबुक पेज के साथ-साथ टवीटर व यू-टयूब पर भी इन जागरूकता संदेशों को प्रसारित किया जा रहा है तथा बडी संख्या में इन संदेशों को लोगों द्वारा देखा जा रहा है। 
इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया के माध्यम से जिला के शतायु मतदाताओं की अपील को भी प्रचारित  व प्रसारित किया जा रहा है ताकि मतदाता विशेषकर युवा मतदाता न केवल अपने वोट का पंजीकरण करें बल्कि मतदान प्रक्रिया में भी बढ़चढक़र भाग ले सकें। उन्होने कहा कि युवा मतदाताओं को मताधिकार बारे जागरूक करने में सोशल मीडिया एक अहम भूमिका निभा सकता है जिसका जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आने वाले समय में अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की मतदाताओं के नाम अपील को भी प्रसारित किया जाएगा, साथ ही मतदाता जागरूकता की दृष्टि से नई पहल भी की जाएगी।  

Thursday, 4 April 2019

कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) भूकंप 4 अप्रैल, 1905

खबरदार! हम मौत व तबाही के आगोश में हैं। आप सोच रहे हैं कि आज मैं यह क्या लिख रहा हूं, लेकिन हिमाचल के संदर्भ में यह सच है। आज ही के दिन यानि कि 4 अप्रैल, 1905 को हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत कांगड़ा घाटी में भूकंप ने तबाही का मंजर लिख दिया था, हजारों लोग असमय ही मौत की नींद सो गए थे जबकि हजारों लोग जख्मी हो गए थे। भले की वक्त के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा द्वारा दिए गए ये जख्म काफी हद तक भर दिए हों, लेकिन जिस तेजी के साथ हिमाचल प्रदेश में निर्माण हुआ है, आने वाले समय में इसे किसी भयानक खतरे से कम नहीं आंका जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश जहां अपनी प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छ व शंात वातावरण के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन दूसरी तरफ हर वक्त भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा हमेशा तबाही का कब मंजर लिख दे, उसका डर भी बना रहता है। यदि आज के संदर्भ में कहूं तो महज 6 तीव्रता वाला भूकंप तबाही के लिए काफी है। लेकिन ऐसे में प्रश्न यह उठ रहा है कि तो क्या हम यहां से भाग खड़े हों या फिर इस भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें।
यहां हमें यह नहीं भूलना चाहिए भूकंप जैसी किसी भी प्राकृतिक आपदा को रोकना हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन भूकंप के प्रति जागरूकता तथा प्रदेश की अतिसंवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए भूकंप रोधी निर्माण हमें इस तबाही से काफी हद तक बचा सकता है। तो आओ भूकंप को लेकर न केवल स्वयं बल्कि
परिवार व समाज के दूसरे लोगों को भी जागरूक करने का प्रण लें ताकि कल यदि 1905 वाला मंजर प्रकृति दोहराती है तो कम से कम जानी माल का नुकसान हो, इस दिशा में तो हम प्रयास कर ही सकते हैं। यहां मुझे एक पंक्ति याद आ रही है कि इतिहास हमेशा स्वयं को दोहराता है। इसलिए भूकंप को लेकर स्वयं भी सतर्क व जागरूक रहें व दूसरों को जागरूक करें।
(फोटोग्राफ को इंटरनेट से लिया गया है।)
-000-