Saturday, 14 January 2017

युवाओं को स्वावलंबी बनाने में मददगार साबित हो रही कौशल विकास भत्ता योजना

जिला ऊना में अब तक 13,936 युवाओं पर व्यय किए साढे 11 करोड रूपये
जिला ऊना के तहसील अंब के अंतर्गत अलोह गांव की शहनाज बेगम सुपुत्री कवालखान के लिए हिमाचल सरकार की कौशल विकास भत्ता योजना किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण कभी एक तकनीकी कोर्स तक नहीं कर पाने वाली शहनाज बेगम आज न केवल अपने पांव पर खडी हो सकी है बल्कि आसपास की अन्य लडकियों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर पा रही है। यह सब हुआ हिमाचल प्रदेश सरकार की कौशल विकास भत्ता योजना के कारण। 
इस बारे शहनाज बेगम का कहना है कि वह शुरू से ही अपने पांव पर खडी होकर न केवल स्वावलंबी बनना चाहती थी बल्कि परिवार को भी आर्थिक तौर पर स्पोर्ट करना चाहती थी। लेकिन घर की आर्थिक सेहत ठीक न होने के कारण वह आगे कुछ नहीं कर पा रही थी। लेकिन जब उसे प्रदेश सरकार की कौशल विकास भत्ता योजना का पता चला तो उसने सरकार से मान्यता प्राप्त आईटीआई में सिलाई कढाई व ड्रैस मेकिंग कोर्स में दाखिला ले लिया। इस दौरान सरकार द्वारा उसे प्रतिमाह एक हजार रूपये का कौशल विकास भत्ता मिलने से न केवल वह कोर्स के दौरान फीस के अतिरिक्त अपने छोटे-छोटे खर्चों को पूरा करने में कामयाब रही बल्कि परिवार पर भी किसी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं पडा। शहनाज बेगम का कहना है कि आज वह कौशल विकास भत्ता योजना के कारण एक कुशल कारीगर बन पाई है तथा अपनी आर्थिकी को सुधारने के साथ-साथ अन्य लडकियों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर स्वावलंबी बना पा रही है।
इसी तरह जिला के तहसील घनारी के अंतर्गत गांव मावा सिंधिया की सोनिया सुपुत्री राम किशन के लिए भी कौशल विकास भत्ता योजना जीवन में एक नई आशा की किरण लेकर आई। मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले उनके पिता ने कमजोर आर्थिकी के बावजूद सोनिया को 12वीं कक्षा तक की शिक्षा दिलाई, लेकिन आगे की शिक्षा दिलाना न केवल मुश्किल था बल्कि असंभव सा लग रहा था। जबकि सोनिया किसी संस्थान से व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने पैरों पर खडा होना चाहती थी ताकि वह परिवार की आर्थिक तौर पर मदद कर सके। इसी दौरान उसे सरकार की कौशल विकास भत्ता योजना का पता चला तथा संयुक्ता चौधरी हिमोत्कर्ष तकनीकी संस्थान ऊना में सिलाई-कटाई व पोषाक निर्माण का एक वर्षीय कोर्स में दाखिला ले लिया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सोनिया ने कुठेडा जसवालां गांव में आठ सौ रूपये प्रतिमाह किराए पर दुकान ली और वस्त्र सिलाई का काम शुरू कर दिया। सोनिया का कहना है कि शुरूआती दौर में इस कार्य में कुछ कठिनाईयां आई लेकिन हिम्मत न हारते हुए आज वह प्रतिमाह दो से तीन हजार रूपये कमा लेती है। साथ ही वह इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय इग्रू से स्नातक की पढ़ाई भी कर रही है। 
इसी तरह लालसिंगी गांव के संदीप कुमार ने डीजल मैकेनिक, मोरवढ भटोली के तरूणदीप ने मैकेनिक इलैक्ट्रानिक्स, भटोली के अच्छर ने इलैक्ट्रीशियन, अजौली के सुखविंद्र कपिला ने फिटर ट्रेड, सेंसोवाल के गुरदीप सिंह ने मैकेनिक इलैक्ट्रॉनिक, अंब के रणधीर सिंह व लोअर बढेडा के राकेश कुमार ने कम्प्यूटर में प्रशिक्षण हासिल कर स्वावलंबी बने हैं। यही कहानी जिला के ऐसे सैंकडो युवाओं की है जिन्होने कौशल विकास भत्ता योजना के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण हासिल कर आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बने हैं।
कौशल विकास भत्ता योजना के तहत सरकार द्वारा किसी मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से कोर्स करने पर सामान्य युवाओं को एक हजार जबकि 50 प्रतिशत से अधिक अक्षमता वालों को 15 सौ रूपये प्रतिमाह अधिकत्तम दो वर्ष की अवधि के लिए कौशल विकास भत्ता प्रदान किया जा रहा है। इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार अपने नजदीकी रोजगार कार्यालय से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा श्रम एवं रोजगार विभाग की वैबसाईट का भी अवलोकन कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला रोजगार अधिकारी ऊना आरसी कटोच का कहना है कि जिला में कौशल विकास भत्ता योजना-2013 के तहत जिला ऊना में वर्ष 2013-14 से लेकर 30 नवम्बर, 2016 तक 13,936 युवाओं को विभिन्न तकनीकी पाठयक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान कर लगभग 11 करोड 58 लाख रूपये की आर्थिक मदद उपलब्ध करवाई जा चुकी है। उन्होने बताया कि जिला रोजगार कार्यालय ऊना के माध्यम से 8856 जबकि उप-रोजगार कार्यालय अंब के माध्यम से 5080 युवाओं को कौशल विकास भत्ता प्रदान किया जा चुका है।








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