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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ (श्रीमद् भगवद्गीता)
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शिवा परियोजना ने बदली 44 किसानों की तकदीर, 60 मीट्रिक टन अनार उत्पादन का लक्ष्य
प्रदेश सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से चालू वितवर्ष में व्यय कर रही है 100 करोड़
हिमाचल प्रदेश में बागवानी न केवल किसानों व बागवानों के लिए आजीविका का स्त्रोत है बल्कि यह ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक स्थिरता का भी प्रमुख स्तंभ है। प्रदेश में ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने बागवानी को बढ़ावा देते हुए वितीय वर्ष 2025-26 के दौरान प्रदेश में एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से 100 करोड़ रूपये व्यय करने का प्रावधान किया है। सरकार इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में शिवा परियोजना के माध्यम से बागवानी को बल मिल रहा है बल्कि प्रदेश सरकार के यह प्रयास धरातल में फलीभूत भी हो रहे हैं।
हिमाचल सरकार के निरंतर प्रयासों का ही नतीजा है कि आजकल जिला बिलासपुर के बरठीं के अंतर्गत टिहरी कलस्टर में अनार की फसल लहलहा रही है। एचपी शिवा परियोजना के तहत लगभग 100 बीघा में स्थापित इस बगीचे में अनार की फसल पक कर तैयार हो चुकी है तथा लाभार्थी किसान अब इसे बाजार भेजने की तैयारी में जुट गए हैं। वर्ष 2021 में फ्रंट लाइन डेमोंस्ट्रेशन (एफएलडी) के तौर पर टीहरी-एक व टीहरी-दो में लगभग 2 हैक्टेयर क्षेत्र में अनार के पौधों का रोपण किया गया, जिसे वर्ष 2022 में बढ़ाकर 8 हैक्टेयर (लगभग 100 बीघा) भूमि में 44 किसानों को जोड़ते हुए कलस्टर के तौर पर विकसित किया गया है। इस कलस्टर में भगवा प्रजाति के लगभग 8900 अनार के पौधे रोपित किये हैं तथा इस वर्ष 60 मिट्रिक टन अनार उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। कलस्टर में जुडे़ किसानों की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के लिए दि बरठीं कन्वर्जिंग हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन मार्केटिंग एसोसिएशन (सीएचपीएमए) सहकारी समिति लिमिटेड का भी गठन किया गया है।
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