Wednesday, 24 July 2019

जोगिन्दर नगर वन मंडल में इस वर्ष 80 हैक्टेयर क्षेत्र में रोपे जाएंगे वन

विशेष पौधारोपण अभियान के तहत 65 हैक्टेयर क्षेत्रफल में नए पौधे रोपने का लक्ष्य   
हरित आवरण को बढ़ाने तथा नए पौधे लगाने के दृष्टिगत इस वर्ष जोगिन्दर नगर वन मंडल में लगभग 80 हैक्टेयर क्षेत्रफल में पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 20 से 24 जुलाई के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष पौधारोपण अभियान के अंतर्गत पूरे वन मंडल में लगभग 65 हैक्टेयर क्षेत्रफल में सामुदायिक भागीदारी से नए पौधे रोपित किए जाएंगे। इस अभियान का शुभारंभ मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर ने 19 जुलाई को मंडी के पनारसा से राज्य स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ करते हुए किया था।
इस विशेष पौधारोपण अभियान के तहत पूरे वन मंडल की सभी वन रेंज में सामुदायिक भागीदारी से पौधारोपण किया जा रहा है। जिनमें स्थानीय पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त युवक एवं महिला मंड़लों, स्वयं सहायता समूहों व स्थानीय जन समुदाय के व्यापक सहयोग से निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण किया जा रहा है। 24 जुलाई तक चलने वाले इस 5 दिवसीय विशेष पौधारोपण अभियान की मोबाइल ऐप्प के माध्यम से ऑनलाईन निगरानी की जा रही है। साथ ही जन भागीदारी को बढ़ाने के लिए पौधारोपण के दौरान सेल्फी लेने को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। वास्तव में बिना सामुदायिक भागीदारी से कोई भी लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं होता है। ऐसे में पौधारोपण अभियान के माध्यम से न केवल जन समुदाय की समुचित भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है बल्कि इससे वनों के संरक्षण व रोपित पौधों की समुचित देखभाल को भी बल मिलेगा। इस विशेष पौधारोपण अभियान के दौरान देवदार, बान, आंवला, दाडू, जामुन, हरड़, बेहड़ा, खैर इत्यादि पौधे संबंधित वन रेंज की जलवायु के आधार पर रोपित किए जा रहे हैं।
इसके अलावा सरकार की विद्यार्थी वन मित्र योजना के माध्यम से स्कूली बच्चों को वन व पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने तथा वनों से जोडऩे के लिए चयनित वन क्षेत्र में स्कूली बच्चों द्वारा पौधारोपण के साथ-साथ इनकी देखभाल भी सुनिश्चित बनाई जा रही है। जोगिन्दर नगर वन मंडल में राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जोगिन्दर तथा नौहली स्कूलों के लिए क्रमश: आधा-आधा हैक्टेयर वन भूमि चिन्हित की गई है। चिहिन्त भूमि की बाड़बंदी तथा पौधे वन विभाग द्वारा मुहैया करवाए जा रहे हैं तथा पौधारोपण के साथ-साथ इनकी देखभाल का जिम्मा संबंधित स्कूल के बच्चों का है।
वर्तमान में जोगिन्दर नगर वन मंडल के अधीन कुल 25 हजार 775 हैक्टेयर क्षेत्रफल वनों के अधीन है। जिनमें जोगिन्दर नगर वन रेंज के तहत 6999 हैक्टेयर, उरला वन रेंज के अंतर्गत 5669, लड-भड़ोल वन रेंज के तहत 3091, कमलाह वन रेंज के तहत 1818, धर्मपुर वन रेंज के तहत 2172 जबकि टिक्कन वन रेंज के अंतर्गत 6024 हैक्टेयर क्षेत्रफल शामिल है।
क्या कहते हैं अधिकारी
सहायक वन अरण्यपाल जोगिन्दर नगर शशी किरण का कहना है कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष चले तीन दिवसीय विशेष पौधारोपण अभियान से प्रोत्साहित होकर इस वर्ष 5 दिवसीय विशेष अभियान चलाया है। जिसके तहत जोगिन्दर नगर वन मंडल में भी लगभग 65 हैक्टेयर क्षेत्रफल में जन भागीदारी से पौधा रोपण किया जा रहा है तथा इस वर्ष जोगिन्दर नगर वन मंडल में कुल 80 हैक्टेयर क्षेत्रफल में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा वन विभाग के माध्यम से चलाई जा रही अन्य योजनाओं का भी बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित बनाया जा रहा है ताकि जहां हमारी अमूल्य वन संपदा सुरक्षित रहे तो वहीं पर्यावरण को भी साफ-सुथरा बनाए रखा जा सके। उन्होने ज्यादा से ज्यादा लोगों से पौधारोपण अभियान का हिस्सा बनने का आहवान् किया है।

Thursday, 18 July 2019

मझारनू के डुमणू राम के लिए सोलरयुक्त बाड़बंदी बनी वरदान

जंगली जानवरों के आतंक से मिली निजात, कृषि उपज में भी हो रही बढ़ौतरी
जिला मंडी में सोलरयुक्त बाडबंदी पर चालू वित्तीय वर्ष में व्यय होंगे 4.16 करोड़ रूपये

जोगिन्दर नगर उप-मंडल की ग्राम पंचायत नेर घरवासड़ा के गांव मझारनू निवासी 67 वर्षाीय डुमणू राम के लिए प्रदेश सरकार की सोलरयुक्त बाड़बंदी किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई है। डुमणू राम ने अपनी कृषि योग्य लगभग तीन बीघा भूमि में सोलरयुक्त बाड़बंदी को लगाया है। जिसके कारण हमेशा जंगली सुअरों व बंदरों के कारण नष्ट होने वाली खेती को अब न केवल सहारा मिला है बल्कि जंगली जानवरों की पहरेदारी से भी छुटकारा हो गया है।  

इस संबंध में जब बीपीएल परिवार में शामिल कृषक डुमणू राम से बातचीत की तो कहना है कि उन्हे कृषि विभाग के माध्यम से सरकार की सोलरयुक्त बाडबंदी का पता चला। बाडबंदी लगाने के लिए उन्होने अपनी ओर से लगभग 64 हजार रूपये खर्च किए हैं जबकि सरकार ने लगभग अढ़ाई लाख रूपये बतौर उपदान उपलब्ध करवाए हैं। विभाग के माध्यम से सोलरयुक्त बैटरी के संचालन बारे भी जानकारी उपलब्ध करवाई गई है तथा वे अब स्वयं ही इसकी देखभाल कर रहे हैं।

दो लडक़े व दो लड़कियों के पिता डुमणू राम का कहना है कि खेती-बाड़ी ही उनका प्रमुख पेशा रहा है तथा वे जीवन भर खेती बाड़ी व बागवानी से जुड़े रहे हैं। समय के बदलाव बारे कहते हैं कि अब जहां खेतीबाड़ी की नई-नई तकनीकें सामने आई हैं तो वहीं नकदी फसलों के कारण आमदन में भी बढ़ौतरी हुई है। उनका कहना है कि पारंपरिक खेती बाजरा, मक्की, गेहूं के साथ-साथ वे अब मौसमी सब्जियों का भी उत्पादन कर रहे हैं। साथ ही बागवानी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ते हुए जहां लगभग 250 अमरूद के तो वहीं अनार, आम, जामुन व आडू के फलदार पौधे भी लगाए हैं। इसके अलावा नींबू व गल-गल के फलदार पौधे भी तैयार किए हैं।

डुमणू राम का कहना है कि जंगली सुअरों व बंदरों के कारण उनकी फसल तथा फलदार पौधों को नुकसान हो रहा था, लेकिन अब बाड़बंदी हो जाने से उन्हे न केवल राहत मिली है बल्कि फसल भी बच रही है। उनका कहना है कि गांव में पानी, बिजली इत्यादि की कोई कमी नहीं लेकिन जंगली जानवरों के कारण फसलों को अक्सर नुकसान होता था, लेकिन सरकार की मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत सोलरयुक्त बाड़बंदी हो जाने के कारण उनकी यह समस्या भी हल हो गई है। डुमणू राम न केवल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार का धन्यवाद व्यक्त करते हैं बल्कि किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर देते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान लाभान्वित हो सकें।  
कैसे करें आवेदन
मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान को निर्धारित प्रपत्र के साथ जमीन की नकल व तमीमा लगाकर अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी या विषयवाद विशेषज्ञ के कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके बाद सोलरयुक्त बाडबंदी लगाने के लिए अधिकृत कंपनी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा संबंधित किसान की जमीन का दौरा कर प्राक्कलन तैयार किया जाता है। तदोपरान्त तैयार प्राक्कलन को स्वीकृति हेतु उपनिदेशक कृषि को भेजा जाता है। स्वीकृति मिलने के बाद प्राधिकृत कंपनी द्वारा सोलरयुक्त बाडबंदी की जाती है तथा कंपनी और किसान के मध्य एक समझौता भी किया जाता है। इस योजना के तहत व्यक्तिगत तौर पर बाडबंदी को 80 प्रतिशत जबकि सामूहिक तौर पर 85 प्रतिशत तक अनुदान मुहैया करवाया जाता है। इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारी, कृषि प्रसार अधिकारी, विषयवाद विशेषज्ञ या उपनिदेशक कृषि के कार्यालय से संपर्क  कर सकते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे उपनिदेशक कृषि मंडी डॉ. जीत सिंह ठाकुर का कहना है कि जिला में वर्ष 2018-19 में सोलरयुक्त बाड़बंदी को 4.55 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया था जिसके तहत पूरे जिला में 189 किसानों की बाडबंदी को स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने सोलरयुक्त बाडबंदी के लिए 4.16 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है और अब तक 35 किसानों को सोलरयुक्त बाड़बंदी लगाने को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होने बताया कि सरकार मुख्य मंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत तौर पर 80 प्रतिशत जबकि सामूहिक तौर पर सोलरयुक्त बाड़बंदी को 85 प्रतिशत तक का अनुदान मुहैया करवा रही है। उन्होने ज्यादा से ज्यादा किसानों से इस योजना का लाभ उठाने का आहवान किया है।