Friday, 3 August 2018

स्वरोजगार योजनाओं से जुडक़र बेरोजगार युवा मजबूत करें आर्थिकी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं के माध्यम से स्वावलंबी बनाने को कई योजनाओं एवं कार्यक्रमों की शुरूआत की है। इन योजनाओं के माध्यम से युवा न केवल स्वयं के लिए रोजगार के साधन सृजित कर सकते हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा सकते हैं। कहने का अर्थ है युवाओं को सरकारी नौकरियों के पीछे भागने के बजाए उद्यमिता को अपनाकर अपने व दूसरे के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने वालों की श्रेणी में खड़ा होना चाहिए।   
युवाओं को अपने पैरों पर खडा करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्य मंत्री स्वावलंबन योजना, खाद्य प्रसंस्करण आधारित स्टेट मिशन तथा मुख्य मंत्री स्टार्ट अप जैसी अनेक योजनाओं को शुरू किया है। मुख्य मंत्री स्वाबलंबन योजना की बात करें तो इस योजना का लाभ उठाकार प्रदेश के 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के युवा उद्यम इत्यादि स्थापित कर रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवा नए उद्योग एवं सेवा इकाई में लगने वाली मशीनरी या अन्य उपकरण पर 40 लाख रूपये के निवेश तक 25 प्रतिशत की दर से अनुदान जबकि महिला उद्यमियों के लिए यह अनुदान की दर 35 प्रतिशत तक है। इसके अलावा बैंक ऋण पर पांच प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान, सी श्रेणी के औद्योगिक क्षेत्रों में प्लाट आवंटन की दरों में 25 प्रतिशत तक की छूट तथा अनुमोदित उद्योगों को निजी भूमि की लीज पर तीन प्रतिशत की दर से स्टांप डयूटी का प्रावधान किया गया है। सरकार ने इस योजना के लिए बजट में 80 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। 
इसके साथ ही सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण आधारित स्टेट मिशन की भी शुरूआत की है। इस योजना के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण से जुडी इकाई स्थापित एवं अपग्रेड करने पर प्लांट की कुल लागत व मशीनरी पर 33.33 प्रतिशत तक अनुदान जबकि तकनीकी सिविल कार्य के लिए अधिकत्तम 75 लाख रूपये तक का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कोल्ड स्टोर व कोल्ड चेन स्थापित करने के लिए सरकार इकाई की कुल लागत का 50 प्रतिशत तक का अनुदान तथा इकाई निर्माण के दौरान अधिकत्तम पांच करोड रूपये तक का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा इसी योजना के अंतर्गत प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र या संग्रहण केंद्र की स्थापना पर परियोजना की कुल लागत का 75 प्रतिशत जो अधिकत्तम अढ़ाई करोड़ रूपये तक हो सकता है का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही मीट की दुकान के आधुनिकीकरण के लिए मशीनरी इत्यादि पर 75 प्रतिशत तथा तकनीकी सिविल कार्य के लिए अधिकत्तम पांच लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है जबकि रीफीर व प्री मोबाइल कूलिंग वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत या अधिकत्तम 50 लाख रूपये तक का प्रावधान किया गया है। इस योजना के लिए सरकार ने बजट में 10 करोड रूपये का प्रावधान किया है।  
इसी तरह प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग नई औद्योगिक इकाई में 25 लाख तक जबकि सेवा इकाई मेें 10 लाख रूपये तक के निवेश पर ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत की दर से तथा शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत की दर से अनुदान जबकि महिला, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अल्प संख्यक, भूतपूर्व सैनिकों तथा दिव्यांगों के लिए 35 प्रतिशत की दर से अनुदान मुहैया करवाया जाता है। इस योजना के तहत 10 लाख रूपये से ऊपर औद्योगिक इकाई तथा पांच लाख रूपये से ऊपर सेवा इकाई की स्थापना के लिए आवेदक का आठवीं पास होना अनिवार्य है तथा यह सहायता केवल नई इकाई की स्थापना के लिए मुहैया करवाई जाती है।
साथ ही सरकार ने नवाचार एवं स्वरोजगार के लिए महत्वकांक्षी मुख्य मंत्री स्टार्ट अप योजना भी शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत रचनात्मक तथा नवाचार परियोजना के लिए 25 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से एक वर्ष के लिए छात्रवृति, परियोजना, उत्पाद के वितरण तथा बाजारीकरण के लिए 10 लाख तथा पेटेंट आवेदन के लिए दो लाख रूपये तक की सहायता दी जाती है। इसी तरह नए उद्योगों के लिए 25 लाख रूपये तक के ऋण पर पांच प्रतिशत की दर से ऋण अनुदान, औद्योगिक प्लाटों की दरों में 50 प्रतिशत की छूट, नई औद्योगिक इकाई के लिए तीन प्रतिशत की दर से स्टांप डयूटी तथा स्व-प्रमाणीकरण को मान्यता एवं तीन वर्ष तक विभिन्न विभागीय निरीक्षणों से छूट दी जाती है। 
इसके अलावा सरकार ने स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने तथा स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के स्थानीय युवाओं को आजीविका प्रदान हेतु मुख्य मंत्री युवा आजीविका योजना को भी प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत अधिकत्तम 30 लाख निवेश पर पुरूष उम्मीदवारों को 25 प्रतिशत तथा महिलाओं को 30 प्रतिशत उपदान का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पहले वर्ष ब्याज पर आठ प्रतिशत अनुदान तथा अगले वर्षों के लिए दो प्रतिशत कम ब्याज पर अनुदान दिया जाएगा। 
इस तरह प्रदेश सरकार ने वर्षों सरकारी नौकरी की चाहत में समय बर्बाद करने के बजाए युवा सीधे अपने पांव पर खडे होकर आर्थिक व सामाजिक तौर पर सशक्त बनें इस दिशा में आगे बढऩे के लिए प्रगति के द्वार खोल दिए हैं। युवाओं के स्वरोजगार अपनाने की ओर उठाए गए थोडे से साहस से वे न केवल स्वयं बल्कि आसपास के दूसरे युवाओं को भी रोजगार के अवसर पैदा करने वाली की श्रेणी में खडे हो सकते हैं। ऐसे में बस जरूरत है तो प्रदेश के शिक्षित युवाओं को थोडी हिम्मत बांधकर स्वरोजगार की ओर मन लगाकर कदम बढ़ाने की। 

  (साभार: आपका फैसला 30 जुलाई, 2018 एवं दिव्य हिमाचल 2 अगस्त, 2018 के संपादकीय पृष्ठ में प्रकाशित)