जिला युवा सेवाएं एवं खेल विभाग द्वारा ऊना के इंदिरा स्टेडियम में आयोजित जिला स्तरीय दौड प्रतियोगिता में अस्वस्थता के बावजूद कडाके की ठंड में नंगे पांव एवं बिना किसी सुविधा के दौडकर पांच हजार मीटर की रेस जीतने वाली बख्शो देवी ने साबित कर दिया कि जीवन में विजयी होने के लिए सुविधाओं से अधिक हौंसले की जरूरत होती है। पिछले दिनों आयोजित इस खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से मीडिया की सुर्खियों में सामने आई जिला के हरोली उपमंडल के गांव ईसपुर निवासी बख्शो देवी के हौंसले को सलाम करने के लिए यूं तो प्रदेश व देश भर के कई लोगों के हाथ मदद के लिए आगे बढ़े हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने इस बच्ची के जज्बे को पहचान कर इसे स्पोट्र्स हॉस्टल बिलासपुऱ में भर्ती करवाने का निर्णय लिया है ताकि प्रशिक्षण, मार्गदर्शन व आधुनिक सुविधाओं के अभाव में यह बच्ची अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से किसी भी स्तर पर वंचित न रह जाए।
गरीब परिवार में पैदा हुई ईसपुर स्कूल की नौंवी कक्षा की इस छात्रा के सिर से जहां बाप का साया लगभग 9 वर्ष पहले की उठ चुका है तो वहीं माँ भी गरीबी के कारण जैसे तैसे मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों के लालन-पालन के साथ-साथ पढ़ाने का भी पूरा प्रयास कर रही है। अपने ननिहाल में नाना दाता राम के साथ चार बहनों व एक भाई वाले इस परिवार में मां के साथ जीवन के इस संघर्ष में बख्शो देवी अपना पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। सुबह पांच बजे से हरदिन की शु़रूआत करने वाली बख्शो देवी घर के सभी जरूरी कार्यों को निपटाने में जहां मां विमला देवी का पूरा सहयोग करती है तो वहीं अपनी पढ़ाई में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ती है। आज भले ही वह समाज के इस ताने बाने में आर्थिक तौर पर गरीब जरूर है परन्तु जीवन में उंचाईयां हासिल करने में बख्शो का जज्बा किसी से भी कम नहीं है। बस जरूरत है उसके हौंसले को एक सही दिशा व मार्गदर्शन देने की जिसके लिए प्रदेश सरकार आगे आई है।
हमेशा से ही जिला ऊना की धरती ने न केवल राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न खेलों में प्रदेश को एक से बढक़र एक खिलाडी दिए हैं बल्कि अपनी खेल प्रतिभा के माध्यम से इन खिलाडियों ने समय-समय पर प्रदेश का नाम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करते रहे हैं। जिसमें राष्ट्रीय खेल हॉकी में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान, ओलंपियन व अर्जुन तथा पदमश्री पुरस्कार से अलंकृत चरणजीत सिंह, ओलंपियन व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित दीपक ठाकुर, भारतीय वालीबाल टीम के कप्तान रहे सुरजीत सिंह, हैंडबाल में हर्ष त्रिपाठी, शूटिंग में मोहिन्द्र सिंह जैसे खिलाडियों का नाम आते ही प्रदेश के हर व्यक्ति का सीना गर्व से ऊँचा हो जाता है। बात यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि ऊना के हरोली उपमंडल के खडड गांव का नाम जुबान पर आते ही फुटबाल में भी कई नामी खेल हस्तियां भी हमारे सामने आ जाती हैं जिन्होने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को एक पहचान दी है। आज जिला का खडड गांव पृूरे प्रदेश भर में फुटबाल नर्सरी के तौर पर मशहूर है तथा फुटबाल के प्रति यहां के लोगों के जज्बे को हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि यहां प्रत्येक परिवार का बच्चा चाहे वह लडक़ा या लडक़ी हो फुटबाल खेलने के लिए हमेशा लालायित रहता है।
प्रदेश सरकार ने भी फुटबाल की नर्सरी कहे जाने वाले खडड गांव में बच्चों को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की बेहतर प्रशिक्षण की सुविधाएं मिले इसके लिए स्थानीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री मुक़ेश अग्हिोत्री के प्रयासों से यहां प्रदेश की पहली फुटबाल अकादमी स्थापित होने जा रही है। इस अकादमी के यहां स्थापित हो जाने से जहां नवोदित फुटबाल खिलाडियों को आधुनिक व बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित होंगी तो वहीं खिलाडियों को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान बनाने का मौका भी मिलेगा।
ऐसे में इसी जिला के ईसपुर गांव की इस नवोदित धाविका बख्शो देवी के हौंसले व जज्बे को सलाम करते हुए प्रदेश सरकार ने इसके बेहतर भविष्य निर्माण का बीडा उठा लिया है। इन परिस्थितियों में अब हम यह कह सकते हैं कि वह दिन दूर नहीं है जब जिला ऊना हॉकी, वॉलीबाल, फुटबाल, हैंडबाल सहित अन्य खेल स्पर्धाओं में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाडियों में धाविका बख्शो देवी के माध्यम से दौड प्रतियोगिता में भी प्रदेश व देश का नाम रोशन करेगा।